एसपी जैसा था बलिया का थानेदार का रुतबा, लाल डायरी से खुलेंगे वसूली रैकेट में शामिल सफेदपोशों के राज
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एसपी जैसा था बलिया का थानेदार का रुतबा, लाल डायरी से खुलेंगे वसूली रैकेट में शामिल सफेदपोशों के राज

Ballia Extortion Racket: बलिया का पन्नेलाल मनमाफिक मलाईदार पोस्ट पर तैनाती ले लेता था. साथ ही वो राजदार भरोसेमंद सिपाहियों या चौकी इंचार्ज को ही अपने थाने में तैनात करवा लेता था. उसके सील रूम से तमाम राज खुल सकते हैं.

Ballia Extortion Racket

सीमावर्ती जिले बलिया के यूपी बिहार बॉर्डर पर रोजाना डेढ़ करोड़ की वसूली के मामले में रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं. एसपी-एएसपी के ट्रांसफर के बीच पूरे प्रकरण के केंद्र में नरही कोतवाली का एसओ पन्नेलाल है, जो इस पूरे वसूली रैकेट का सबसे बड़ा मास्टरमाइंड बताया जाता है. पन्ने लाल के कमरे को सील किया जा चुका है, जहां से बरामद डायरी और अन्य सामानों से पूरे खेल का खुलासा हो सकती है. आजमगढ़ जोन के डीआईजी और आईपीएस वैभव कृष्ण अभी भी बलिया में कैंप कर रहे हैं. बलिया भारौली चेकपोस्ट पर इस वसूली रैकेट में थानाध्याक्ष पन्नेलाल के अलावा करीब दर्जन भर पुलिसकर्मियों पर गिरफ्तारी की गई है. 

कहा जा रहा है कि पन्ने लाल के सील कमरे में जो दस्तावेज हैं, उनमें वसूली का पैसा कहां कहां और किसे पहुंचता है, उसका पूरा हिसाब किताब है. पूरे वसूली रैकेट की लाल डायरी से तमाम सफेदपोशों के चेहरे पर पसीना साफ देखा जा सकता है. सीमावर्ती चेक पोस्ट पर ये वसूली गैंग लंबे समय से करोड़ों की रकम हर महीने डकार रहा था. इसकी परत दर परत खोलने के लिए डीआईजी वैभव कृष्ण जिले में रुककर पूरे मामले की कमान संभाले हुए हैं. 

सादी वर्दी में डीआईजी वैभव कृष्ण और वाराणसी रेंज के एडीजी ट्रक में बैठकर चेकपोस्ट पर पहुंचे थे और पूरे रैकेट का खुलासा रंगेहाथों किया था. इस केस में दो सिपाही और 16 दलालों को दबोचा गया था. हर ट्रक से 500 रुपये का वसूला जा रहा था. यानी रोजाना हजार ट्रकों के हिसाब यह रकम पांच लाख रकम होती थी. 

थानाध्यक्ष पन्नेलाल और चौकी प्रभारी राजेश कुमार समेत पुलिसवालों की तलाश तेज है.आजमगढ़ के एएसपी शुभम अग्रवाल के हाथों में इस मामले की कमान है.डीआईजी पीआरओ सुशील कुमार की शिकायत पर थाना प्रभारी पन्ने लाल, राजेश कुमार, सिपाही सतीश गुप्ता, हरि दयाल, दीपक मिश्रा, विष्णु यादव और बलराम सिंह पर घूसखोरी का केस दर्ज किया गया है.हरि दयाल और सतीश गिरफ्तार है. बाकी फरार हैं. पन्नेलाल गोरखपुर का रहने वाला है. गोरखपुर में भी उसका वसूली रैकेट खूब चलता था. बताया जाता है कि पुलिस अफसरों का वो दुलारा ता और मलाईदार थाना उसे मिलता था, ताकि ज्यादा वसूली हो सके. 

भारौली चेकपोस्ट पर भी पन्नेलाल के भरोसेमंद सिपाहियों की ड्यूटी लगाई गई थी. उसके राजदार एसआई और पुलिस कांस्टेबल ही सीमावर्ती क्षेत्र में तैनात ते. पुलिस ने पूरे इलाके में दलालों की लगा रखा था, जो ट्रकों को रोककर पैसा इकट्ठा करती थी . 

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