Gorakhpur News: 90 के दशक में फर्जी स्टांप घोटाले का अब्दुल करीम तेलगी मास्टरमाइंड था जिसने पूरे देश में हलचल मचा रखी थी. फर्जी स्टांप पेपर बनाने वाले गिरोह का अब गोरखपुर पुलिस ने पर्दाफाश किया है.
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Gorakhpur News / गोरखपुर : उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में फर्जी स्टाम्प केस में एसआइटी (स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम) की ओर से बड़ी कार्रवाई की गई है. एसआइटी ने मामले में नाना, नाती समेत 7 आरोपियों को धरदबोचा है. बताया जा रहा है कि कैंट थाने दर्ज हुए इस केस में आरोपियों से चली कई महीनों की पूछताछ के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए गए हुए हैं. आशंका है कि कई राज्यों में यह नेटवर्क फैला हुआ है. 90 के दशक में ऐसे ही स्टाम्प पेपर स्कैम को अब्दुल करीम तेलगी ने अंजाम दिया था. फिर 2001 में उसे अजमेर से गिरफ्तार कर लिया गया था.
फर्जी स्टाम्प पेपर
गोरखपुर में SSP डॉक्टर गौरव ग्रोवर ने फर्जी स्टाम्प मामले को लेकर SIT टीम गठित की थी. जिसके द्वारा गिरफ्तारी की कार्रवाई को अंजाम दिया गया है. जानकारी है कि बिहार के एक 85 वर्षीय बुजुर्ग द्वारा अपने नाती के साथ मिलकर काफी साल से फर्जी स्टाम्प पेपर तैयार करने का काम किया जा रहा था. लोकल वेंडरों के माध्यम से ये फर्जी स्टाम्प पेपर बेचे जा रहे थे. कैंट थाना पुलिस को मिली इस संबंध में मिली एक शिकायत के बाद गोरखपुर के एक अधिवक्ता ने आठ जनवरी 2024 को कैंट थाना में एक केस दर्ज करवाया था.
अधिकृत स्टांप वेंडर
बताया जा रहा है कि 84 वर्षीय आरोपी कमरुद्दीन इस काम का मास्टरमाइंड है और मामले में 1 करोड़ 52 हजार के नकली स्टांप बरामद किए गए हैं. वहीं कमरुद्दीन के पास से स्टांप छापने वाली मशीन भी बरामद की गई है. असली स्टांप से निकली रद्दी से नकली स्टांप तैयार किए जा रहे थे. पुलिस ये जानकारी भी हासिल करने में लगी है कि रद्दी बंगाल से आई या नासिक से मंगवाई गई है. पिछले 40 साल से नकली स्टांप आरोपी कमरुद्दीन छाप रहा है. इन नकली स्टांप की सप्लाई गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया से लेकर महराजगंज, बिहार तक की जा रही थी. तेलगी की ही तरह कमरुद्दीन अधिकृत स्टांप वेंडर है. इस कार्रवाई में स्टांप में प्रयोग होने वाली इंक व पेपर भी बरामद किए गए हैं.