देहरादून: दिल्ली के बुराड़ी में निर्मित हो रहे केदारनाथ धाम मंदिर का नाम बदलने का फैसला लिया गया है. संतों के विरोध के बाद उत्तराखंड में मंगलवार को ट्रस्ट ने इस संबंध में यह बड़ा फैसला लिया है. इस मंदिर का 10 जुलाई को शिलायंस उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा किया गया था. जिसके बाद निर्माण कार्य तेज कर दिया गया था. उत्तराखंड के केदारनाथ पुरोहित समाज में इस बात को लेकर विशेष नाराजगी थी कि मंदिर का नाम केदारनाथ धाम रखा गया. नाराजगी दिखाने के लिए विरोध प्रदर्शन भी किया जा रहा था. जिसके बाद अब जाकर यह फैसला लिया गया. 


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केदारनाथ पुरोहित समाज ने धरना समाप्त कर दी
बताया जा रहा है कि केदारनाथ धाम में पंडा और पुरोहितों ने मंदिर के नाम को लेकर बड़ा विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था. मंदिर का नाम बदले जाने की मांग लगातार तेज होती जा रही थी. ऐसे में मंगलवार को खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पूरे मामले का संज्ञान लिया व पंडा, पुरोहितों से बात की. सीएम से बातचीत करने के बाद केदारनाथ पुरोहित समाज ने घोषणा की कि वे अब धरना समाप्त करते हैं. पुरोहितों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने हमारी बात देवनस्थम बोर्ड के समय भी मानी थी और आज भी बातचीत से सहमति से हम सभी संतुष्ट हैं.


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सीएम धामी ने किया था मंदिर का शिलान्यास
जानकारी दे दें कि दिल्ली में बुराड़ी के हिरंकी में केदारनाथ मंदिर बनाया जा रहा है. भूमि-पूजन कर मंदिर का शिलान्यास उत्तराखंड के सीएम धामी ने ही किया, पूजन में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राज्यमंत्री अजय टम्टा के साथ ही महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी जी महाराज और स्वामी राजेंद्रानंद, गोपाल मणि महाराज व अल्मोड़ा सल्ट से विधायक महेश जीना मौजूद थे. यहां रानीखेत के विधायक डॉ. प्रमोद नैनवाल और विधायक संदीप झा भी थे. पूजन में केदारनाथ धाम ट्रस्ट के अध्यक्ष सुरेंद्र रौतेला भी उपस्थित  थे.