Kedarnath Mandir Protest: दिल्ली के बुराड़ी में प्रस्तावित केदारनाथ मंदिर को लेकर सियासी दलों के साथ संतों ने मोर्चा खोल दिया है. दिल्ली से ऊखीमठ तक विरोध प्रदर्शन हुए हैं. शंकराचार्य ने भी सवाल उठाए हैं.
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रुद्रप्रयाग/हरेंद्र नेगी: दिल्ली में प्रस्तावित केदारनाथ धाम के प्रतीकात्मक मंदिर को लेकर कोहराम मच गया है.कांग्रेस, शिवसेना जैसे सियासी दलों के साथ शंकराचार्यों ने भी इसको लेकर मोर्चा खोल दिया है. केदारनाथ को लेकर ऊखीमठ से लेकर दिल्ली तक विरोध प्रदर्शन हुए हैं.शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सीधे तौर पर उत्तराखंड और केंद्र की सरकार पर सवाल उठाए.
केदारघाटी में नाराजगी
दिल्ली में केदारनाथ के प्रतीकात्मक मंदिर के शिलान्यास को लेकर तीर्थ पुरोहित समाज एवं केदारघाटी की जनता में नाराजगी दिखी. जनता और तीर्थपुरोहितों ने ऊखीमठ में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा शिलान्यास करने को लेकर जोरदार विरोध किया. सीएम धामी के खिलाफ नारेबाजी की. उन्होंने चेताया कि अगर फैसला वापस नहीं लिया गया तो पूरी केदारघाटी में जनता उग्र आंदोलन करेगी.केदारनाथ धाम में पिछले तीन दिनों से तीर्थ पुरोहितों और साधु संतों का विरोध चल रहा है.
केदारनाथ और ऊखीमठ में दिल्ली में केदारनाथ के प्रतीकात्मक मंदिर निर्माण के शिलान्यास करने के फैसले का विरोध किया गया. मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी की गई. चारधाम महापंचायत के उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी ने कहा कि दिल्ली में केदारनाथ मंदिर का निर्माण करवाया जाना, परंपरा के साथ ही करोड़ों हिन्दुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है. दुर्भाग्यपूर्ण है कि केदारनाथ विधायक की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार होने से पहले ही सीएम ने दिल्ली में जाकर केदारनाथ के प्रतीतात्मक मंदिर का शिलान्यास किया. केदारनाथ धाम से शिला ले जाकर दिल्ली में स्थापित करके सीएम धामी ने धाम की परंपरा के साथ खिलवाड़ किया है.
बीजेपी बचाव में उतरी
उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि केदारनाथ धाम के नाम पर कांग्रेस बहुत गलत राजनीति कर रही है. केदारनाथ धाम का स्थान कोई नहीं ले सकता है लेकिन कांग्रेस से दुष्प्रचार करके लोगों को भ्रमित करने का काम कर रही है.
दिल्ली में केदारनाथ पर भड़के शंकराचार्य
ज्योर्तिमठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने दिल्ली में बन रहे केदारनाथ मंदिर को लेकर आक्रामक तेवर अपनाए. उन्होंने कहा, केदारनाथ से 228 किलो सोना गायब है. केदारनाथ में घोटाला हुआ है, अब दिल्ली में केदारनाथ बनाकर क्या घोटाला करोगे. कौन जिम्मेदार होगा. केदारनाथ धाम को लेकर सरकार चुप क्यों है. शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे से मुलाकात के बाद शंकराचार्य ने कहा, प्रतीकात्मक केदारनाथ मंदिर का निर्माण नहीं किया जा सकता.
कांग्रेस का तीखा विरोध
कांग्रेस का कहना है कि ये विरोध साधारण नहीं है. केदारनाथ में पूजा अर्चना के साथ मंदिर की घंटियों की आवाज़ ऊंचे पर्वतों में मंत्रोच्चार गूंजता है. लेकिन दिल्ली के बुराड़ी में प्रतीकात्मक केदारनाथ धाम का निर्माण करना और सीएम धामी द्वारा इसका शिलान्यास करना दुर्भाग्यपूर्ण है. केदारनाथ धाम के फ्रैंचाइजी स्टाइल में मंदिर स्थापित नहीं किए जा सकते. केदारनाथ मंदिर का निर्माण आदि गुरु शंकराचार्य ने 8वीं-9वीं सदी में करवाया था. वो कौन लोग हैं, जो हिमालय की घाटी में बने मंदिर को मॉडल बनाकर दिल्ली शहर में धर्म का शहरीकरण कर रहे हैं