Dehradun News: उत्तराखंड के चकराता की खूबसूरत वादियों में स्थित एक गुमनाम झरने को अब नई पहचान मिलने जा रही है. लंबे समय से अज्ञात और दुर्गम रास्तों के चलते इस झरने का सौंदर्य पर्यटकों की नज़रों से छिपा रहा, लेकिन अब राज्य सरकार इस झरने को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में गंभीर प्रयास करने जा रही है. 


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कठिन रास्ते होंगे अब सरल
इस झरने तक पहुंचने के लिए ट्रेकिंग रूट, रोप-वे, और अन्य सुविधाओं का विकास किया जाएगा, जिससे न केवल साहसिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय निवासियों को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे. मेसासा गांव में मौजूद इस झरने की दुर्गम यात्रा को पहले उजागर किया गया, जिससे इस क्षेत्र के पर्यटन विकास की मांग ने जोर पकड़ा. विकासनगर के भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने इस खबर पर संज्ञान लेते हुए झरने तक पहुंचने वाले कठिन रास्ते को सरल और सुरक्षित बनाने की दिशा में प्रयास शुरू कर दिए हैं.


वादियों में छिपा एक खजाना
विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने बताया कि यह झरना अपनी अनोखी खूबसूरती और प्राकृतिक आकर्षण के कारण चकराता की वादियों में एक छिपा खजाना है. सरकार की योजना के अनुसार, झरने तक पहुंचने के लिए ट्रेकिंग रूट विकसित किया जाएगा, जिससे पर्यटकों को कठिन रास्तों का सामना नहीं करना पड़ेगा. इसके अलावा, रोप-वे और ज़िप लाइन जैसी रोमांचक गतिविधियों की भी व्यवस्था की जाएगी, जो साहसिक पर्यटन के शौकीनों को आकर्षित करेगी.


विधायक चौहान ने बताया...
विधायक चौहान ने कहा, "हमारा उद्देश्य इस क्षेत्र के गुमनाम प्राकृतिक स्थलों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना है. इस झरने के विकास से न केवल साहसिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि मेसासा गांव के स्थानीय निवासियों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे." उन्होंने यह भी बताया कि इस परियोजना के तहत क्षेत्र में होमस्टे और गेस्ट हाउस जैसी सुविधाओं को भी बढ़ावा देने की योजना है, ताकि पर्यटकों को यहां ठहरने और स्थानीय संस्कृति का अनुभव करने का अवसर मिले.


रास्ते सरल होने से पहले प्राकृतिक सुंदरता बरकरार रहे
पर्यटन विभाग और स्थानीय प्रशासन के बीच समन्वय से जल्द ही इस परियोजना का काम शुरू होने की संभावना है. इस पहल के तहत ट्रेकिंग रूट को पर्यावरण के अनुकूल तरीके से विकसित किया जाएगा, ताकि क्षेत्र की जैव विविधता और प्राकृतिक सुंदरता बरकरार रहे. इस परियोजना से क्षेत्र में पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है, जो राज्य के पर्यटन उद्योग को एक नई दिशा देगी.


यह झरना प्राकृतिक रत्नों में से एक
यह झरना उत्तराखंड के उन प्राकृतिक रत्नों में से एक है, जो अब तक जनसाधारण की नजरों से दूर था. इस योजना के तहत झरने के आसपास सुरक्षा व्यवस्था को भी मजबूत किया जाएगा, ताकि पर्यटकों के लिए यात्रा सुरक्षित रहे. चकराता का यह गुमनाम झरना जल्द ही पर्यटन मानचित्र पर अपना स्थान बनाएगा, जिससे उत्तराखंड का पर्यटन और अधिक समृद्ध होगा. स्थानीय लोगों ने इस योजना का स्वागत करते हुए कहा कि इस झरने के विकास से गांव में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा. मेसासा गांव के निवासी लंबे समय से इस क्षेत्र के विकास की मांग कर रहे थे. उनका मानना है कि इस झरने की पहचान मिलने से उनके गांव को नई पहचान मिलेगी और स्थानीय उत्पादों की भी बिक्री बढ़ेगी. 


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