Dehradun News: जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ में सेना के 48वीं राष्ट्रीय रायफल्स के कैप्टन दीपक सिंह ने सर्वोच्च बलिदान दिया है. देहरादून के रहने वाले कैप्टन दीपक सिंह के शहीद होने से पूरे इलाके में शोक का माहौल है. दीपक सिंह सेना अधिकारी के साथ हॉकी प्लेयर भी थे. कैप्टन दीपक सिंह राष्ट्रीय रायफल्स में सिग्नल अफसर की पोस्ट पर तैनात थे. साथ ही आतंकियों से मुकाबला करने के लिए बने त्वरित कार्यबल की अगुवाई भी कर रहे थे. डोडा जिले के अस्सर जंगल में छिपे आतंकवादियों से मुकाबले के लिए यही टीम लगाई गई थी.


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दीपक सिंह को काउंटर इनसर्जेंसी ऑपरेशन के लिए फील्ड मेजर बनाया गया था. एक कंपनी की कमान संभाल रहे दीपक सिंह ने शहादत से पहले एक आतंकी को मार गिराया और कई आतंकियों को घायल किया. राष्ट्रीय रायफल्स में खेलने के दौरान हॉकी में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया था. 


मुठभेड़ के दौरान सेना ने आतंकियों का काफी साजोसामान बरामद किया है. माना जा रहा है कि फायरिंग में आतंकी बुरी तरह घायल हुए हैं. डोडा जिले में पिछले कुछ दिनों में सेना के साथ आतंकी लुकाछिपी का खेल खेल रहे हैं. राष्ट्रीय रायफल्स औऱ जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीम ने देसा के जंगल में तलाशी अभियान छेड़ा हुआ है.


देहरादून के रहने वाले कैप्टन दीपक सिंह की उम्र 25 साल थी. वो 13 जून 2020 को ही सेना में कमीशन पाकर अफसर बने थे. कैप्टन का परिवार देहरादून के रेसकोर्स में रहता है. 15 अगस्त को देश के स्वतंत्रता दिवस के दिन उनका पार्थिव शरीर शहर लाया जाएगा.


सीएम धामी ने अपने सोशल मिडिया एक्स पर लिखा कि
डोडा, जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैन्य भूमि उत्तराखण्ड के वीर सपूत कैप्टन दीपक सिंह जी को कोटिशः नमन.
माँ भारती की सेवा में आपका ये बलिदान सदैव युवाओं में राष्ट्रभक्ति का संचार करता रहेगा.


ईश्वर से प्रार्थना है कि पुण्यात्मा को श्रीचरणों में स्थान एवं शोक संतप्त परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें.


॥ॐ शांति॥


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