कारगिल युद्ध में उत्तराखंड ने दी थी सबसे बड़ी शहादत, 75 जवान देश के लिए किए कुर्बान
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कारगिल युद्ध में उत्तराखंड ने दी थी सबसे बड़ी शहादत, 75 जवान देश के लिए किए कुर्बान

Kargil Vijay Diwas 2024 : 1999 के कारगिल युद्ध में भारतीय सेना के 524 जवान शहीद हो गए थे. वहीं, युद्ध के मैदान में पराक्रम दिखाने वाले करीब 1363 जवान गंभीर रूप से घायल हो गए थे. उत्‍तराखंड के 75 जवान शहीद हो गए थे. 

Kargil Vijay Diwas 2024

Kargil Vijay Diwas 2024 : यूपी-उत्‍तराखंड समेत पूरा देश आज कारगिल विजय दिवस मना रहा है. कारगिल विजय दिवस को जब भी याद किया जाएगा तो उत्‍तराखंड का नाम गर्व से लिया जाएगा. वीर सपूतों की धरती कही जाने वाली देवभूमि से कारगिल युद्ध में 75 जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी. कारगिल विजय दिवस पर पेश है कहानी उत्‍तराखंड की.   

उत्‍तराखंड में देश के लिए बलिदान देने की परंपरा 
1999 के कारगिल युद्ध में भारतीय सेना के 524 जवान शहीद हो गए थे. वहीं, युद्ध के मैदान में पराक्रम दिखाने वाले करीब 1363 जवान गंभीर रूप से घायल हो गए थे. भारतीय जांबाजों ने कारगिल युद्ध में जो चोट दी पाकिस्‍तान आज भी उसे भूल नहीं पाया. कारगिल युद्ध में भारतीय जांबाजों ने पाकिस्‍तान के चार हजार से ज्‍यादा जवानों को ढेर कर दिया था. 

उत्‍तराखंड के 75 जवान हुए थे शहीद 
उत्‍तराखंड को वीर सपूतों की भूमि कहा गया है. कारगिल युद्ध में उत्‍तराखंड के 75 जवान शहीद हो गए थे. इसमें  कुमाऊं रेजीमेंट के 12 जवान, 3 इंजीनियिरंग, 2 महार रेजीमेंट, 1 गार्ड रेजीमेंट, 1 पैरा रेजीमेंट, 9 गोरखा राइफल्स, 3 आरआर, 1 राजपूताना राइफल्स, 1 एयरफोर्स, 1 रेजीमेंट लद्दाख स्काउट, गढ़वाल राइफल के 19 जवान शहीद हुए. इसमें पौड़ी जिले से 3, पिथौरागढ़ से 4, रुद्रप्रयाग से 3, टिहरी से 11, ऊधमसिंह नगर से 2, उत्तरकाशी से 1, देहरादून से 14, अल्मोड़ा से 3, बागेश्वर से 3, चमोली से 7, लैंसडाउन से 10, नैनीताल के 5 जवान शामिल थे.  मरणोपंरात उत्तराखंड के जवानों को 15 सेना मेडल, 2 महावीर चक्र, 9 वीर चक्र, 11 मेंशन इन डिस्पैच मिले थे. 

सीएम धामी ने दी श्रद्धांजलि
कारगिल विजय दिवस पर उत्‍तराखंड के सीएम पुष्‍कर सिंह धामी ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी है. सीएम धामी ने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा, उत्‍तराखंड में भी देश के लिए बलिदान देने की परंपरा रही है. कारगिल युद्ध में बड़ी संख्या में उत्तराखंड के वीर सपूतों ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी. सरकार सैनिकों, पूर्व सैनिकों एवं उनके परिजनों के कल्याण के लिए वचनबद्ध है. हमें अपने जवानों की वीरता पर गर्व है. 

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