Uttrakhand News: 12 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुल रहे हैं. ऐसे में कपाट से पहले गाडू घड़ा तेल कलश को लेकर निभाई जाने वाली परंपरा शुरू हो गई है. दरअसल भगवान बद्री विशाल का तिल के तेल से प्रथम अभिषेक होता है.
Trending Photos
Uttrakhand News: 12 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुल रहे हैं. ऐसे में कपाट से पहले गाडू घड़ा तेल कलश को लेकर निभाई जाने वाली परंपरा शुरू हो गई है. दरअसल भगवान बद्री विशाल का तिल के तेल से प्रथम अभिषेक होता है. वहीं भगवान बद्री विशाल के नित्य महाभिषेक में प्रयोग किए जाने वाला तिलों का तेल गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा कर्णप्रयाग पहुची. यहां पहुंचने पर लोगों ने गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा का स्वागत किया और भगवान बद्री विशाल का आशीर्वाद लिया.
10 मई को तीन धामों के कपाट खुल जाएंगे
उत्तराखंड में 10 मई को तीन धामों के कपाट और 12 मई को भगवान बद्री विशाल के कपाट खुलने के बाद देवभूमि में चारधाम यात्रा का आगाज हो जाएगा. भगवान बद्री विशाल के नित्य महाभिषेक में प्रयोग किए जाने वाले तिलों का तेल गाडू घड़ा कलश यात्रा के कर्णप्रयाग पहुचने पर लोगों ने यात्रा का भव्य स्वागत किया, और गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा के दर्शन कर भगवान बद्रीविशाल का आशीर्वाद लिया.
12 मई को तेल से भगवान का अभिषेक
बद्रीनाथ धाम के पुजारी डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के अध्यक्ष आशुतोष डिमरी ने बताया कि 7 मई तक गाडू घड़ा तेल कलश को डिमरियों के गांव डिम्मर स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर में भक्तों के दर्शनार्थ रखा जाएगा. और 8 मई को तेल कलश यात्रा कई स्थानों से होकर 11 मई को बद्रीनाथ धाम पहुंचेगी और 12 मई को कपाट खुलने पर तेलों के तेल से भगवान बद्री विशाल को अभिषेक चढ़ाया जाएगा. आगामी 6 महीनों तक इसी तिलों के तेल से भगवान बद्री विशाल के नित्य अभिषेक में यह तेल का उपयोग किया जाएगा.
यह भी पढ़ें- पांडवों से लेकर महाराणा प्रताप तक जुड़ा है पीलीभीत का इतिहास, नेपाल सीमा पर बसा तराई का ये इलाका
यह भी पढ़ें-