MORTH  Press Conference: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के द्वारा  21 नवंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उत्तरकाशी बचाव अभियान के बारे में जानकारी दी गई. मीडिया को संबोधित करते हुए अधिकारी ने बताया कि वहां पर बचाव कार्य बड़ी तेजी से किया जा रहा है. आगे अधिकारी कहते हैं कि टनल के ऊपर से एक सुरंग बनाई जा रही है. टनल के अंदर सभी मजदूर सुरक्षित हैं. सभी को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि सुरंग में बिजली और पानी है, 2 किमी की जगह है. पहले दिन से हम 4 इंच की दीवार से खाना भेज रहे हैं. चूंकि सूरज की रोशनी वहां नहीं पहुंच रही है, हम डॉक्टरों के सुझाव के अनुसार विटामिन बी, विटामिन सी और अवसादरोधी दवाएं भेज रहे हैं.



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उत्तरकाशी में सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों के लिए 10 दिनों के लगातार बचाव प्रयासों के बाद, सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय एक व्यापक पांच-विकल्प कार्य योजना पर काम कर रहा है.  मंत्रालय का कहना है कि ''सरकार ने सिल्कयारा में सुरंग में फंसे मजदूरों की कीमती जान बचाने के लिए सभी मोर्चों पर काम करने का निर्णय लिया है. 


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रविवार को भी एक उच्च स्तरीय बैठक में, तकनीकी सलाह के आधार पर विभिन्न विकल्पों की जांच की गई और 5 विकल्पों पर विचार किया गया. MORTH ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड ( एनएचआईडीसीएल ), तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी), सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएनएल), टेहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (टीएचडीसी), और रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) प्रत्येक को एक विकल्प सौंपा गया है. खाद्य सहायता के लिए अतिरिक्त पाइप स्थापित करने जैसे अतिरिक्त उपाय भी किए जा रहे हैं. 


मंत्रालय की ओर से अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) और भारतीय सेना की निर्माण शाखा बचाव अभियान में सक्रिय रूप से भाग ले रही है. एनएचआईडीसीएल के प्रबंध निदेशक सिल्क्यारा में तैनात सभी केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय की देखरेख कर रहे हैं. उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ. नीरज खैरवाल को समन्वय के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है और संबंधित एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी साइट पर मौजूद हैं. केंद्र सरकार ने बचाव अभियान के लिए सभी संभव उपाय अपनाने के स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं. जैन ने कहा, "इन 5 विकल्पों के साथ, एक कार्य योजना भी है. हम घोषित असुरक्षित क्षेत्रों पर काम कर रहे हैं. 


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