Fourth Day Rescue Operation In Kedarnath: केदारनाथ धाम में चौथे दिन भी लगातार आपदा के बाद राहत-बचाव कार्य जारी रखा गया है. एनडीआरएफ, वायु सेना के साथ ही लोकल पुलिस फंसे हुए यात्रियों को निकालने में चुटी है.
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देहरादून: केदारनाथ धाम में आपदा के बाद चौथे दिन भी लगातार राहत-बचाव कार्य जारी रखा गया है. एनडीआरएफ, वायु सेना के साथ ही स्थानीय पुलिसवाले फंसे हुए यात्रियों को निकालने में लगे हैं. केदारनाथ घाटी के रेस्क्यू के चौथे दिन हेलीकॉप्टर से एक बार फिर ज़ी मीडिया ने केदार घाटी को दिखाया है. जानकारी है कि अब तक फंसे हुए 9 हजार लोगों को निकाला जा चुका है. करीब एक हजार लोगों के फंसे होने की खबर है. बताया जा रहा है कि लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. सोनप्रयाग से गौरीकुंड का रास्ता पूरी तरह से तहस नहस हो गया है.
पूरे पैदल मार्ग का सर्च
गौरीकुंड से लेकर चिड़वासा में जितने भी लोग फंसे हैं उन सभी को निकालने का प्रयास लगातार चल रहा है. रेस्क्यू किए गए लोगों के बाद अब सर्च अभियान शुरू किया जा रहा है. फंसे हुए लोगों को रेस्क्यू करने के बाद केदारनाथ के पैदल मार्ग में एसडीआरएफ सर्च अभियान शुरू कर रही है. एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने ज़ी मीडिया से खास बातचीत करते हुए जानकारी दी है कि सर्च अभियान चलाया जा रहा है जिसमें देखा जा रहा है कि कोई पैदल रास्ते में फंसा तो नहीं है. सभी लोगों को हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू करने के लिए जरूरी है कि पूरे पैदल मार्ग का सर्च किया जाए.
एक हजार से अधिक श्रद्धालुओं के फंसने के आसार
गौरीकुंड में गौरी माई मंदिर के पीछे तप्त कुंड में काफी नुकसान हुआ है. बड़े बड़े होल्डर हर जगह दिखाई दे रहे हैं. गौरी माई मंदिर में हालांकि कोई नुकसान नहीं हुआ है. ये मां की शक्ति है कि 2013 की आपदा में भी यहां किसी भी तरह का नुकसान नहीं हुआ है था. गौर करने वाली बात है कि उत्तराखंड में भयंकर आपदा आने से काफी नुकसान पहुंचा है. केदारनाथ धाम में बादल फटने की घटना से हजारों यात्री तो फंसे ही बल्कि कई की जान भी चली गई. रिपोर्ट की माने तो 9 हजार तीर्थयात्रियों को अब तक बचाया जा चुका है. हालांकि अब भी केदारनाथ, गौरीकुंड के साथ ही सोनप्रयाग के क्षेत्र में एक हजार से अधिक श्रद्धालुओं के फंसे होने के आसार हैं. वायुसेना की सहायता से रेस्क्यू कार्य जारी है.