Kedarkantha trekking 2025: अगर आप ट्रेकिंग के शौकीन हैं और पहाड़ों में बर्फबारी के बीच ट्रेकिंग का लुत्फ उठाना चाहते हैं तो उत्तराखंड का केदारकांठा आपके लिए एक बेस्ट ऑप्शन है. यह जगह ट्रेकिंग के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है.
नए साल में आप जरूर किसी पहाड़ी इलाके का रूख कर चुके हैं. नए साल का जश्न आप खूबसूरत वादियों में मनाने के लिए बेताब हैं. अगर आप उत्तराखंड में हैं और ट्रेकिंग के शौकीन हैं तो आपको इस जगह पर जरूर जाना चाहिए. यह जगह ट्रेकिंग के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है. आइए जानते हैं इसके बारे में..
ट्रेकिंग के शौकीन हैं और सर्दियां के साथ नए साल है तो क्या ही कहने...इन दिनों यहां चारों ओर बर्फ ही बर्फ दिखाई देती है. आपको घुटनों तक जमी बर्फ मिल सकती है. आसपास की घाटियों के शानदार नजारे ट्रेकिंग के एडवेंचर को और शानदार बनाने का काम करते हैं।
हर साल ट्रेकिंग के शौकीन लोग केदारकांठा आते हैं. क्रिसमस और न्यूईयर के समय यहां ट्रेकर्स की भारी भीड़ जुटती है क्योंकि बर्फबारी के बीच ट्रेकर्स के लिए ट्रेकिंग का अनुभव और भी शानदार हो जाता है.
सांकरी केदारकांठा ट्रेक का बेस है जहां तक आप सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं. फिर इसके बाद सांकरी से 10 किलोमीटर का पैदल ट्रेक शुरू हो जाता है. इस ट्रेक पर रास्ते भर में आपको घने जंगल, मखमली घास के मैदान, जमी हुई झील, आसमान छूती चोटियां और बर्फ से लदे पहाड़ देखने को मि
केदारकांठा ट्रेक का मुख्य आकर्षण है जूड़ा तालाब या जूड़ा लेक. सर्दियों के दिनों में ये लेक पूरी तरह जम जाती है और इतनी सख्त हो जाती है कि आप उसके ऊपर चल सकते हैं. इसके पीछे एक मान्यता भी जुड़ी है. ऐसा कहा जाता है कि यहां भगवान शिव ने अपनी जटाओं को खोला था और तब जो पानी निकला उससे तालाब बना इसीलिए इसे जूड़ा तालाब कहते हैं.
जूड़ा तालाब के पास कैंपिंग करने के बाद केदारकांठा बेस कैंप में ट्रेकर्स रुकते हैं. ट्रेकर्स अगले दिन केदारकांठा पीक के लिए चढ़ाई करते हैं.
ट्रेकर्स की कोशिश यही रहती है कि वो सुबह-सुबह ही केदारकांठा चोटी पर पहुंच जाएं क्योंकि इस दौरान उन्हें 12500 फीट की ऊंचाई से खूबसूरत सनराइज और चारों तरफ बर्फ से ढकी चोटियों का नजारा देखने को मिलता है.
केदारकांठा चोटी से ट्रेकर्स को स्वर्गारोहिणी, व्हाइट माउंटेन, कालानाग,बंदरपूंछ, गरुड़ पर्वत और गंगोत्री रेंज पर्वत श्रंखला का सुंदर नजारा देखने को मिलता है.
केदारकांठा एक तीर्थस्थल भी है. ऐसी मान्यता है कि बाबा केदार इस इलाके की खूबसूरती देखकर यहां भी विराजमान हुए थे इसलिए ये जगह भी केदारनाथ की तरह ही धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है.
सांकरी में ठहरने के लिए सैलानियों और ट्रेकर्स को कोई दिक्कत नहीं होती है. यहां एक छोटा सा कस्बा है जहां आपको कुछ होटल और आसपास के गांव में लकड़ी के बने घर या होम स्टे मिल जाएंगे. यहां ठहर कर आप रहन-सहन और पहाड़ी व्यंजनों को करीब से जान पाएंगे और उसका आनंद ले पाएंगे.
केदारकांठा सांकरी में आता है और आप सड़क मार्ग से सांकरी जा सकते हैं. आप यहां कार और बस से पहुंच सकते हैं. देहरादून रेलवे स्टेशन के पास रोड वेज बस स्टैंड से रोज सुबह आठ बजे सांकरी के लिए बस जाती है जो शाम पांच बजे तक आपको सांकरी पहुंचा देती है.
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