हेमकांत नौटियाल/हरिद्वार: यूं तो उत्तराखंड में पहली आंचलिक भाषा की गढ़वाली फिल्म पराशर गौड़ की ”जगवाल ” से लेकर अब तक कई फिल्में आ चुकी है. लेकिन उत्तराखंड की बोली भाषा में लेखक, निर्माता, और निर्देशक की पहली गढ़वाली धार्मिक फिल्म ”जय मां धारी मां ” को सिनेमा घरों में लगने के बाद से ही दर्शकों का अपार समर्थन मिल रहा है. दिल्ली से लेकर देहरादून के बाद अब ऋषिकेश में इस धार्मिक फिल्म को अच्छा रिस्पांस तो मिल ही रहा है, तो वहीं शुक्रवार को लगी धार्मिक फिल्म जय मां धारी ऋषिकेश में हाउसफुल चल रही है. खासकर स्कूल के बच्चों महिलाओं और बुजुर्गों को यह फिल्म खासा पसंद आ रही है. आपको बता दें अभी तक इस फिल्म को 600 से ज्यादा बच्चे देख चुके हैं और शो हाउसफुल चल रहा है. 


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बच्चों में फिल्म को लेकर उत्सुकता 
ऋषिकेश के रामा पैलेस मे धार्मिक फिल्म का रिस्पांस देखने को मिल रहा है. स्कूल के छोटे-छोटे बच्चे जहां एक ओर आजकल बॉलीवुड की कई फिल्मों को देखने के लिए लालायित रहते हैं, लेकिन धार्मिक फिल्म को देखकर उनके चेहरे पर काफी खुशी थी और उनका कहना था कि आगे भी इस तरह की फिल्में बननी चाहिए. वहीं स्कूल के टीचर का भी यह मानना है कि इस तरह की और भी धार्मिक फिल्में बननी चाहिए. ताकि आने वाली पीढ़ी अपनी संस्कृति और धार्मिक मान्यताओं को जान सके और अगली पीढ़ी तक अपनी स्थिति को बढ़ा सके।


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