Dehradun News: देहरादून के जॉली ग्रांट हॉस्पिटल में एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है जिसने चिकित्सा जगत को भी हैरान कर दिया है. यहां 7 महीने के एक शिशु के पेट में भ्रूण के पलने का मामला प्रकाश में आया है. इस दुर्लभ स्थिति का पता तब चला जब शिशु के माता-पिता ने उसकी असामान्य स्थिति को देखते हुए उसे अस्पताल में भर्ती कराया.


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निकला 800 ग्राम का भ्रूण 
अस्पताल में तुरंत ऑपरेशन की तैयारी की गई. ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों ने 7 महीने के शिशु के पेट से 800 ग्राम का भ्रूण सफलतापूर्वक निकाला. इस भ्रूण में हाथ, पैर, रीढ़ की हड्डी, और सिर का आकार भी विकसित हो चुका था. यह देखना वाकई चौंकाने वाला था कि इतना बड़ा भ्रूण शिशु के पेट में विकसित हो रहा था, और अगर इसे समय रहते नहीं निकाला जाता, तो इससे शिशु की जान को गंभीर खतरा हो सकता था.


ऑपरेशन के बाद बच्चा स्वस्थ
ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने बताया कि शिशु अब पूरी तरह से स्वस्थ है और उसके शरीर में कोई अन्य जटिलता नहीं है. हालांकि, इस प्रकार के मामलों की दुर्लभता और जटिलता के कारण चिकित्सा विशेषज्ञों के लिए यह एक अध्ययन का विषय बन गया है. डॉक्टर सिंह ने कहा, "हम इस मामले को लेकर बेहद सतर्क थे और ऑपरेशन सफलतापूर्वक करने के बाद शिशु की स्थिति को नियमित रूप से मॉनिटर कर रहे हैं. शिशु की स्थिति अब स्थिर है और वह सामान्य रूप से स्वस्थ है."


विज्ञान के लिए चुनौती
इस तरह की घटनाएं चिकित्सा विज्ञान के लिए भी एक चुनौती होती हैं, क्योंकि इनके कारणों का पूरी तरह से समझना अभी भी शोध का विषय है. डॉक्टरों का कहना है कि ऐसी घटनाओं के पीछे के वैज्ञानिक कारणों को समझने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहन शोध हो रहा है. जॉली ग्रांट हॉस्पिटल के इस ऑपरेशन ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि चिकित्सा विज्ञान की उन्नति और विशेषज्ञता ने असंभव को संभव कर दिखाया है.



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