हेमकांत नौटियाल/ उत्तरकाशी: राखी का त्योहार श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है. इस दिन सभी बहने अपने भाई के हाथ में स्नेह की डोरी बांधती है. लेकिन इस बार उत्तरकाशी जनपद में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने दुर्लभ हिमालयी वनस्पतियों को राखी की डोर में जोड़कर इस बार रक्षाबंधन के लिए बड़ी संख्या में राखियां तैयार की है. राखियों में ब्रह्मकमल, भोजपत्र और केदारपाती से सजी इन अनूठी राखियों को लेकर आम लोगों में काफी आकर्षण देखा जा रहा है. 


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मुख्य विकास अधिकारी जय किशन
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट और मुख्य विकास अधिकारी जय किशन ने इन अनूठी राखियां को खरीद कर महिला समूहों के प्रयासों को सराहा है. मुख्यमंत्री सशक्त बहना योजना के तहत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के द्वारा जनपद के स्वयं सहायता समूहों की सदस्य महिलाओं को आजीविका के बेहतर अवसर उपलब्ध कराकर उन्हें सशक्त बनाने के लिए जिले में चार हजार चार सौ अड़तालीस समूहों का गठन कर रहे है. 


पहली बार रक्षा बंधन पर्व के लिए ब्रह्मकमल राखियां
महिलाओं ने पहली बार रक्षा बंधन पर्व के लिए ब्रह्मकमल, भोजपत्र और केदारपाती से युक्त राखियां तैयार की है और जिला कलक्ट्रेट परिसर सहित जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में स्टॉल लगाकर राखियां बेच रही है. हिमालयी वनस्पतियों तथा स्थानीय रेशों से बनी इन पर्यावरण हितैषी राखियों को जिलाधिकारी ने खरीदा और स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने जिलाधिकारी को राखी बांधी. वही स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का कहना है कि पिछली बार हमने 4500 राखियां बेची जिससे हमें 45000 रुपए का लाभ हुआ इस बार हमारा लक्ष्य ज्यादा राखियों को बेचने का है.


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