Uttarkashi tunnel collapse: उत्तरकाशी में रेस्क्यू ऑपरेशन का नौवां दिन, इन पांच प्लान के जरिए फंसे मजदूरों को निकालने की है कोशिश
उत्तरकाशी में सिल्क्यारा के टनल में फंसे मजदूरों के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन करने का आज नौवां दिन है. टनल में ऑगर मशीन के जरिए ड्रिल करके पाईप डालने का काम चल रहा है. टनल के ऊपर ड्रिल करके टनल में उतरने की कोशिश की जा रही है ताकि मजदूरों को रेस्क्यू किया जा सके.
देहरादून: उत्तरकाशी में सिल्क्यारा के टनल में फंसे मजदूरों के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन करने का आज नौवां दिन है. टनल में ऑगर मशीन के जरिए ड्रिल करके पाईप डालने का काम चल रहा है. टनल के ऊपर ड्रिल करके टनल में उतरने की कोशिश की जा रही है ताकि मजदूरों को रेस्क्यू किया जा सके. टनल एक्सपर्ट से इस संबंध में राय ली जा रही है. टनल में फंसे मजदूरों को टाइम टू टाइम ऑक्सीजन और खाद्य पदार्थ दिया जा रहा है. वहीं रेस्क्यू ऑपरेशन की अधिकारियों के द्वारा लगातार मॉनिटरिंग भी की जा रही है. फिलहाल, मजदूरों को बचाने के लिए 5 प्लान पर काम किया जाना है.
पांच प्लान
प्लान 1- जानकारी है कि प्लान वन के तहत वर्टिकल ड्रिलिंग बरकोट की ओर से होनी है. ओएनजीसी ड्रिलिंग के मुखिया यहां आ गए हैं. सोमवार को उनका दौरा तय है. 21.11.2023 तक उनको रिपोर्ट देनी है.
प्लान 2- आरवीएनएल द्वारा 170 मीटर सुरंग बनाया जाएगा. ड्रिलिंग से जुड़े हर एक उपकरण कल यानी 21 नवंबर को शाम के समय 04:00 बजे तक पहुंचाई जाएंगी. 23 नंबर तक उनको सेट-अप किया जाना है.
प्लान 3- टीएचडीसी द्वारा 483 मीटर के सुरंग का निर्माण किया जा रहा है. टीएचडीसी ने साइट का निरीक्षण किया है और अपनी मेनपावर के साथ ही मशीनरी को भी बुलाया गया है. हो सकता है कि टनल बोरिंग आज करना शुरू कर दिया जाए.
प्लान 4- एनएचआईडीसीएल द्वारा सुरंग को मजबूती देने के साथ ही निकासी मार्ग को बनाने का काम भी किया जाना है. रविवार की रात से ही आरओसी मशीन द्वारा मलबे के जरिए 150 मिमी व्यास के स्टील पाइप को धकेलने और लाइफलाइन सर्विस को तैयार करने का काम किया जा रहा है.
प्लान 5- बीआरओ द्वारा सिल्क्यारा की ओर से सड़क निर्माण के काम को आज सुबह 9 बजे तक किया जाना था और फिर एनएचपीसी/एसजेवीएनएल से वर्टिकल ड्रिलिंग की जानी है. शाम तक ड्रिलिंग का काम शुरू किया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने क्या कहा?
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि उन्होंने स्वयं मौके पर जाकर स्थलीय निरीक्षण किया और बचाव कार्यों पर लगातार नजर रखे हैं. मेडिकल की टीम भी यहां पर तैनात कर दी गई हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि सुरंग के भीतर फंसे सभी मजदूर सुरक्षित हैं और उन्हें जल्द बाहर निकलने की पूरी कोशिश की जा रही है. अब तक प्रधानमंत्री मोदी तीन बार मुख्यमंत्री से स्थिति की जानकारी ले चुके हैं. पीएमओ की टीम भी मौके का निरीक्षण कर चुकी है और लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है.
प्रधानमंत्री ने जाना हाल?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री धामी से फोन कर टनल में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए जारी राहत और बचाव कार्यों के बारे में जानकारी ली. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा आवश्यक बचाव उपकरण व संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं. केंद्र और राज्य की एजेंसियों के परस्पर समन्वय से श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा. फंसे श्रमिकों का मनोबल बनाए रखने की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने अद्यतन स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य और केंद्रीय एजेंसियां परस्पर समन्वय और तत्परता के साथ राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं. टनल में फंसे श्रमिक सुरक्षित हैं और ऑक्सीजन, पौष्टिक भोजन और पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है. राहत और बचाव कार्यों के लिए एक्सपर्ट्स की राय लेकर एजेंसियां काम कर रही हैं.
Watch: Chandrayaan4 के बाद अब नए मिशन पर ISRO, देखें क्या है अगली तैयारी