निरहुआ-आम्रपाली दुबे की जोड़ी फिर मचाएगी बवाल, 15 मार्च को रिलीज होगी फिल्म फसल
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निरहुआ-आम्रपाली दुबे की जोड़ी फिर मचाएगी बवाल, 15 मार्च को रिलीज होगी फिल्म फसल

Bhojpuri movie 2024: दिनेश लाल यादव निरहुआ और आम्रपाली की भोजपुरी फिल्म 'फसल' 15 मार्च यानी कल थियेटर्स में धमाल मचाने को तैयार है. 

निरहुआ-आम्रपाली दुबे की जोड़ी फिर मचाएगी बवाल, 15 मार्च को रिलीज होगी फिल्म फसल

Bhojpuri movie 2024: भोजपुरी अभिनेता  दिनेश लाल यादव निरहुआ और आम्रपाली की भोजपुरी फिल्म 'फसल' 15 मार्च यानी कल थियेटर्स में धमाल मचाने को तैयार है. वर्ल्डवाइड रिकॉर्ड्स भोजपुरी के ऑफिसियल यूट्यूब चैनल पर किए गए फिल्म के ट्रेलर को रिलीज़ होने के बाद पसंद किया गया था. 

क्या है फिल्म में
इस फिल्म में आम्रपाली ने निरहुआ की पत्नी का किरदार निभाया है. वह पति निरहुआ का हर कदम पर साथ देती नजर आई हैं. वह कहती हैं, 'यह फिल्म न सिर्फ देश के किसानों के बीच जागरूकता लाएगी, बल्कि सरकारी तंत्र की आखें खोलेगी. वहीं देश की महिलाओं के लिए भी बहुत ही खूबसूरत संदेश देने की कोशिश की गई है कि एक पति के सुख-दुख की सहभागी होने के नाते पत्नी का क्या-क्या कर्त्तव्य हो सकता है.' 

फिल्म के ट्रेलर में किसानों की बुरी स्थिति, परिवार पर पड़ने वाली प्राकृतिक मार और संघर्ष को दिखाया गया है. ट्रेलर में देखने को मिल रहा है कि खेत की लहलहाती फसल को देखते हुए नायिका कहती है, 'इ फसल हमनी के चीख-चीख के कहत बा कि अब हमनी के दुख क दिन बीत गइल.' फिल्म की कहानी में इसके बाद ट्विस्ट आता है. फिल्म 'फसल' के ट्रेलर में दिखाया गया है कि बिचौलिए आते हैं और फसल को बेचने की बात करते हैं.  नायक मंडी में जाता है और कहता है, 'सरकारी रेट से एक पईसा भी कम रेट में फसल नहीं बेचब.' इसके बाद उसकी फसल को जला दिया जाता है और पूरा परिवार दाने-दाने को मोहताज हो जाता है. 

श्रेयस फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के बैनर तले बनी भोजपुरी फ़िल्म फसल के निर्माता हैं प्रेम राय व निर्देशन किया है पराग पाटिल ने। फ़िल्म एक किसान की कहानी और उसके द्वारा उपजाए गए फसलों की कीमत के इर्दगिर्द की कठिनाइयों और चुनौतियों को इंगित करते हुए बनाई गई है. निरहुआ और प्रेम राय दोनों ने ही किसानों के दर्द को नजदीक से महसूस किया और देखा परखा है ऐसे में यह फ़िल्म उस मानक पर कितना खरा उतरती है यह तो आने वाले समय मे ही पता चलेगा। क्योंकि फ़िल्म के टाइटल फसल से पहले एक छोटा सा शब्द जोड़ा गया है बिना अन्न का अन्नदाता जो वाक़ई इस देश मे अन्नदाताओं की स्थिति को रूबरू कराने वाला है. 

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