पुलिस ने दावा है कि उपद्रवियों ने 30 पुलिसकर्मियों को एक घर में बंद कर जिंदा जलाने की कोशिश की. हालांकि, पुलिस की सूझबूझ और दिलेरी से इन सभी पुलिसकर्मियों को बाहर निकाल लिया गया.
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मेरठ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश (Western UP) के मेरठ (Meerut) में CAA (नागरिकता संशोधन कानून) के विरोध में हुई हिंसा को लेकर मेरठ पुलिस ने दो वीडियो जारी किए हैं. वीडियो में उपद्रवी शहर में आगजनी और पथराव करते दिख रहे हैं. वहीं एक वीडियो को लेकर मेरठ पुलिस का दावा है कि उपद्रवियों ने यहां पुलिसकर्मियों को जिंदा जलाने की कोशिश की.
दरअसल, 20 मार्च को मेरठ में उपद्रवियों ने शहर को हिंसा की आग में झोंक दिया. पुलिस ने दावा है कि यहां उपद्रवियों ने 30 पुलिसकर्मियों को एक घर में बंद कर जिंदा जलाने की कोशिश भी की. हालांकि, पुलिस की सूझबूझ और दिलेरी से इन सभी पुलिसकर्मियों को बाहर निकाल लिया गया. वहीं, पुलिस की ओर से जारी किए गए वीडियो अब वायरल हो रहे हैं. फिलहाल, पुलिस इस घटना को अंजाम देने वाले उपद्रवियों की तलाश में जुट गई है.
बता दें कि मेरठ के थाना लिसाड़ी गेट क्षेत्र में सीएए के विरोध में हिंसक भीड़ ने उपद्रव किया था. इस मामले में अब तक 13 मुकदमें दर्ज किए गए हैं. जिसमें करीब 148 लोग नामजद और 500 से ज्यादा लोग अज्ञात हैं. पुलिस ने उपद्रव में शामिल लोगों के फोटो और वीडियो के आधार पर शिनाख्त की है. जिनके पोस्टर भी शहर में चस्पा कर दिए गए हैं.
वहीं, नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हिंसा के मास्टरमाइंड के रुप में पीएफआई और एसडीपीआई जैसे संगठन के नाम सामने आए हैं. वहीं, इस मामले में मेरठ के नौचंदी और लिसाड़ी गेट क्षेत्र से चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. इसी के साथ अब मेरठ पुलिस ने तीन उपद्रवियों के फोटो और जारी किए हैं, जो हिंसा वाले दिन पुलिस पर सीधे-सीधे फायरिंग करते नजर आ रहे हैं. पुलिस अब इन लोगों पर इनाम रखकर इनकी गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी है. पुलिस का मानना है कि फायरिंग करने वाले तीनों युवक पीएफआई से जुड़े हुए हैं.
इस मामले में मेरठ पुलिस ने एसडीपीआई के प्रदेश अध्यक्ष समेत अब तक इन दोनों संगठनों के चार लोगों को जेल भेज दिया है. जिसके बाद एसपी क्राइम के नेतृत्व में एसआईटी का गठन करके इन संगठनों के और गुर्गों को खंगाला जा रहा है. माना जा रहा है कि कई और गिरफ्तारियां इन्हीं संगठन के कार्यकर्ताओं की हो सकती हैं. पुलिस ने बाकायदा हिंसा वाले दिन पुलिस पर फायरिंग करने वाले तीन लोगों के फोटो भी जारी किये हैं. जिनका संबंध पीएफआई से बताया जा रहा है.