बाबा वीरेंद्र देव पिछले 20 सालों से पुलिस की नजर में नहीं आया और सरकारी तंत्र उनके आश्रमों पर 1 इंच भी खरोच नहीं कर पाया है. बाबा का कारोबार जस का तस आज भी चल रहा है.
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फर्रुखाबाद: आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के नाम पर युवतियों का यौन उत्पीड़न करने वाले वीरेंद्र देव दीक्षित पर सीबीआई ने पांच लाख का ईनाम घोषित कर दिया है. सीबीआई टीम ने बाबा के फर्रुखाबाद कपली स्थित आश्रम पर मुनादी कराने के साथ ही पांच लाख के ईनाम का नोटिस चस्पा कर दिया है.
20 सालों से गायब है बाबा
बाबा वीरेंद्र देव पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया है. बाबा वीरेंद्र देव पिछले 20 सालों से पुलिस की नजर में नहीं आया और सरकारी तंत्र उनके आश्रमों पर 1 इंच भी खरोच नहीं कर पाया है. बाबा का कारोबार जस का तस आज भी चल रहा है. आखिर कहां है बाबा यह एक बड़ा सवाल फर्रुखाबाद पुलिस, सीबीआई व अन्य सुरक्षा व जांच एजेंसियों के लिए बाबा वीरेंद्र देव एक अबूझ पहेली बन चुका है. 20 साल से उसका पता नहीं चला है.
20 साल पुरानी है तस्वीर
सीबीआई या किसी अन्य एजेंसी के पास उसकी कोई नई तस्वीर तक नही हैं. तीन माह पहले सीबीआई बाबा पर पांच लाख रुपये का इनाम भी घोषित कर चुकी है. साल 2017 में दिल्ली के रोहिणी स्थित आश्रम में सेक्स रैकेट के खुलासे के बाद बाबा सुर्खियों में आ गया था. इसके बाद सीबीआई और महिला आयोग ने बाबा पर शिकंजा कसा.
आश्रम के मुख्य गेट पर बाबा चिपकाया नोटिस
फर्रुखाबाद के कपिल स्थिति बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित के ईश्वरीय आध्यात्मिक विद्यालय (आश्रम) में सीबीआई की टीम पहुंची. आश्रम के मुख्य गेट पर बाबा पर ईनाम घोषित करने संबंधी नोटिस चस्पा कर मुनादी कराई गई. टीम ने आस-पास के लोगों से जानकारी भी ली. बाबा कई सालों से फरार चल रहा है. पुलिस व सीबीआई अभी तक बाबा को पकड़ने में नाकाम रही है. देशभर में स्थित आश्रमों पर छापामारी की गई, लेकिन वह हत्थे नहीं चढ़ा. बाबा के खिलाफ कई राज्यों में हत्या, दुष्कर्म, महिला उत्पीड़न आदि के केस दर्ज हैं.
पहली बार 1998 में किया था गिरफ्तार
पुलिस ने बाबा को पहली बार साल 1998 में कस्बे के आश्रम से बिजली चोरी के मामले में गिरफ्तार किया था. फतेहगढ़ जिला जेल में चार महीने रहने के बाद बाबा फरार हो गया था. इसके बाद से पकड़ में नहीं आया. सीबीआई ने वीरेद्र देव दीक्षित के खिलाफ चार्जशीट आईपीसी की धारा 376 (2)(f)(i)(k)(n), 506 के तहत दाखिल की है.
HC के आदेश के बाद 2018 में दर्ज हुई FIR
फरवरी 2018 में हाईकोर्ट के आदेश के बाद एफआईआर दर्ज की गई थी. जांच में पता लगा था कि वीरेंद्र देव दीक्षित आध्यात्म का आश्रम चलाता था, शिकायतकर्ता पीड़िता इस समय नाबालिग थी और उसके साथ अलग-अलग आश्रमों में रेप किया गया. जून 1999 में और जान से मारने की धमकी दी थी. इन आरोपों पर जांच की गई और कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी गई. इससे पहले एक मारपीट वाले केस में भी बाबा वीरेंद्र देव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है.
जारी किया जा चुका है ब्लू कॉर्नर नोटिस
वीरेंद्र देव दीक्षित के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया जा चुका है और एलओसी भी खोली जा चुकी है और इसपर 5 लाख का ईनाम भी सीबीआई ने घोषित किया जा चुका है.
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दिल्ली के रोहिणी आश्रम से उजागर हुई था बाबा का नाम
आपको बता दें कि दिल्ली के रोहिणी इलाके में धर्म के नाम पर यौन शोषण करने वाले तथाकथित बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित के आश्रम से (23 दिसंबर) को भी पुलिस ने कई लड़कियों को रिहा करवाया था. इससे पहले इस आश्रम से करीब 41 लड़कियों को छुड़ाया गया है. रोहिणी के विजय विहार में खुद को बाबा बताने वाला वीरेंद्र देव दीक्षित आध्यात्मिक विश्वविद्यालय नाम से एक आश्रम चला रहा था. इस बीच कई संतों ने बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित पर धर्म के नाम पर लोगों से धोखा देने का बयान दिया है.
ढोल बजाकर की मुनादी
वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि बाबा के आश्रम पर दिल्ली से सीबीआई की टीम आई थी. पहले भी नोटिस चस्पा किया गया था, लेकिन वह उनके जाते ही आश्रम वालों ने फाड़ दिया. आज फिर एक नोटिस चस्पा किया गया है और पुलिस ने ढोल बजाकर लोगों को बताया कि बाबा के खिलाफ 5,00,000 लाख रूपये का ईनाम भी घोषित है. ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस ने कहा कि यह नोटिस न फाड़ने के निर्देश दिए हैं.