पहाड़ों पर हो रही बारिश से उफान पर गंगा और राम गंगा का जलस्तर, चपेट में लगभग 35 गांव
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पहाड़ों पर हो रही बारिश से उफान पर गंगा और राम गंगा का जलस्तर, चपेट में लगभग 35 गांव

साल दर साल गंगा और राम गंगा के बीच बसे गांवों के लिए बाल बाढ़ का कहर मानव नियति बन चुका है. जनपद के लगभग सैकड़ों गांव हर साल बाढ़ की समस्या झेलते हैं. 

पहाड़ों पर हो रही बारिश से उफान पर गंगा और राम गंगा का जलस्तर, चपेट में लगभग 35 गांव

अरुण सिंह/फर्रुखाबाद: विगत दिनों पहाड़ों पर हुई बारिश से गंगा व रामगंगा का पानी चेतावनी बिंदु के पास तक पहुंच चुका है. इधर दो दिनों से हो रही बरसात के चलते नदियों में बाढ़ की आशंका साफ नजर आ रही है. तहसील सदर के कई मजरे अभी बाढ़ के पानी से प्रभावित हैं. इसके बावजूद जिला प्रशासन की तैयारियां अभी कागजों और फाइलों तक ही सीमित हैं.

  1. लगभग 35 गांव बाढ़ की चपेट में
  2. 12 गांव से लगभग संपर्क मार्ग भी कटा
  3. जिले की तीनों तहसीलें बाढ़ से प्रभावित

हर साल बाढ़ की समस्या का सामना करते हैं सैकड़ों गांव 
साल दर साल गंगा और राम गंगा के बीच बसे गांवों के लिए बाल बाढ़ का कहर मानव नियति बन चुका है. जनपद के लगभग सैकड़ों गांव हर साल बाढ़ की समस्या झेलते हैं. हर साल बाढ़ से बचाव के लिए योजनाएं बनती हैं और हजारों की संख्या में ग्रामीण विस्थापन और पलायन की त्रासदी से गुजरते हैं. 

अधिक कटान वाले गावों के बचाव को दो-चार साल में पर्कोपाइन की व्यवस्था की जाती है, तब तक नए गांव नदियों की बाढ़ की जद पर आ चुके होते हैं. वर्तमान में कल्लू नगला और नगला खेम रहेगा ही का यही हाल है दोनों गांव कटान जद पर हैं. ग्रामीणों के मकान और धार्मिक स्थलों तक पर खतरा मंडरा रहा है.

बाढ़ की चपेट में 35 गांव

लगातार दो दिनों से हो रही बरसात के चलते नदियों में बाढ़ की आशंका साफ नजर आ रही है.  लगभग 35 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. लगभग 12 गांव से संपर्क मार्ग भी कटा हुआ है. जिले की तीनों तहसीलें बाढ़ से प्रभावित हैं. 

बाढ़ चौकियों पर कर्मचारियों की नियुक्ति 
जिला प्रशासन की ओर से हर साल की तरह बाढ़ चौकियों पर कर्मचारियों की नियुक्ति कर दी गई है. हालांकि अभी गंगा और राम गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु के नीचे होने के चलते कर्मचारियों ने चौकियों पर पहुंचना शुरू नहीं किया है. इसके अलावा पुराने रिकार्डों में दर्ज शरणालयों को भी दोबारा लिख दिया गया है. 

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वहीं बाढ़ पीड़ितों को उपलब्ध कराने के लिए खाद्यान्न आपूर्ति का ठेका भी फाइनल कर दिया गया है. शासन की ओर से मिला 10 लाख रुपये का बजट उपलब्ध है. आवश्यकतानुसार और मांग की जा सकती है.

गंगा व रामगंगा की गेज मार्किंग

काशन मार्क - 136.60
लो फ्लड - 137.10

मीडियम फ्लड - 137.60
हाई फ्लड - 137.60 से ऊपर

स्थिति - प्रभावित गांव - बाढ़ चौकियां - शरणालय
लो फ्लड - 133 - 04 - 05

मीडियम फ्लड - 122 - 15 - 06
हाई फ्लड - 77 - 33 - 13

कुल - 322 - 52 - 24

दहशत में हैं जिंदगी-निवासी
वही दहशत में जी रही महिलाओं का कहना है कि उनके घर के बगल से गंगा का पानी लगातार बढ़ रहा है. बच्चों का भी डर लगा रहता है. इनका कहना है कि प्रशासन का कोई अधिकारी हम लोगों की सुध लेने नहीं आया है.

बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का रजिस्टर्ड तैयार-अधिकारी
वही प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का रजिस्टर्ड तैयार कर लिया है जिसमें इंसानों के साथ साथ जानवरों की भी आंकलन कर लिए गए हैं. लेखपालों की टीम लगातार इस काम में लगी हुई है.

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