Noida News: नोएडा से लेकर गाजियाबाद में बिहार और पूर्वी यूपी के लोग पूरे उत्साह के साथ छठ महापर्व मना रहे हैं. बाजारों और घाट पर रौनक बनी हुई है. लाखों की तादाद में छठ महोत्सव को लेकर लोग उत्साहित हैं लेकिन एक बात जो ध्यान देने वाली है वो ये कि इस दिन सार्वजनिक अवकाश नहीं दी जाती है. ऐसे में भक्तों की साधना और भी कठीन हो जाती है. इस बाबत जिलाधिकारी मनीष वर्मा को प्रवासी महासंघ नोएडा ने एक पत्र सौंपा है. जिसमें नोएडा में छठ पर्व के लिए सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग उठाई गई है. 


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सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग
आलोक वत्स प्रवासी महासंघ नोएडा के अध्यक्ष हैं, उनका कहना है कि छठ बिहार और पूर्वांचल का सबसे बड़ा महापर्व है. बिहार और पूर्वांचल के लोगों की संख्या गौतम बुद्ध नगर में लाखों की तादात में है. छठ पूजा के दिन अवकाश न होने से व्रतियों को परेशानी होती है. छठ पर्व के दिन दिल्ली सरकार ने भी राजधानी में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है. ऐसे में जिलाधिकारी से प्रवासी महासंघ नोएडा ने अपील की है कि वे दिल्ली के मॉडल पर छठ पर्व के दिन नोएडा में भी सार्वजनिक अवकाश घोषित करें, जिससे श्रद्धालु भक्तों को सुविधा हो सके. 


हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण पर्व
प्रवासी महासंघ के महासचिव अवधेश राय ने इस बारे में जानकारी दी है कि छठ पर्व के दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित की जाए को श्रद्धालुओं को अपने धार्मिक कर्तव्यों को निर्वहन करने में सुविधा होगी. इस कदम से उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बिहार पूर्वांचल के लोगों के लिए एक सकारात्मक संदेश जाएगा. संस्था के उपाध्यक्ष मिथिलेश राय ने इस बारे में आगे कहा कि है कि छठ पर्व हिंदू धर्म का एक बहुत महत्वपूर्ण त्योहार है जिसमें सूर्य देव व छठी मइया की पूजा अर्चना की जाती है. आपको बता गें कि छठ महापर्व पर व्रती 36 घंटे का कठीन व्रत का संकल्प करते हैं और शाम को सुर्यास्त और सुबह को सुर्योदय पर घरों से निकलकर नदियों, तालाबों या समुद्र किनारे अर्घ्य देते हैं.


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