Siddharth Nagar News : लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद बीजेपी हर सीटों पर समीक्षा बैठक कर रही है. गुरुवार को भाजपा के नेता सिद्धार्थनगर के इटवा स्थित गेस्‍ट हाउस में समीक्षा कर रहे थे. इस दौरान पूर्व बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के सामने ही बीजेपी कार्यकर्ताओं के दो गुटों में हाथापाई शुरू हो गई. बाद में नेताओं ने किसी तरह दोनों गुटों को शांत कराया. भाजपा कार्यकर्ताओं में चले लात घुसे का  वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. 


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नगर पंचायत अध्‍यक्ष के कार चालक और भाजपाइयों में हुई मारपीट 
दरअसल, लोकसभा चुनाव खत्‍म होने के बाद इटवा स्थित गेस्‍ट हाउस में बीजेपी की समीक्षा बैठक हो रही थी. इस दौरान इटवा नगर पंचायत अध्यक्ष विकास जायसवाल के ड्राइवर और भाजपा कार्यकर्ताओं में कहासुनी शुरू हो गई. थोड़ी ही देर में दोनों तरफ से हाथापाई शुरू हो गई. दोनों तरफ से जमकर लात-घूंसे चले. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. 


सतीश द्विवेदी थी बैठक में थे मौजूद 
बताया गया कि बैठक में काशी क्षेत्र के क्षेत्रीय महामंत्री सुशील तिवारी, मथुरा के विधायक राजेश चौधरी, पूर्व बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी, जिला भाजपा प्रभारी हरिश्चंद्र कुशवाहा, डुमरियागंज लोकसभा प्रभारी समीर त्रिपाठी और जिला अध्यक्ष कन्हैया पासवान शामिल थे. बता दें कि गुरुवार को ही सहारनपुर में बीजेपी की समीक्षा बैठक में कार्यकर्ताओं ने लोक निर्माण विभाग राज्य मंत्री कुंवर बृजेश सिंह और विधायक राजीव गुंबर पर हार का ठीकरा फोड़ते हुए हंगामा किया था.  


इटावा में बीजेपी नेताओं ने की समीक्षा बैठक 
इटावा लोकसभा सीट पर भी बीजेपी ने समीक्षा बैठक की. इस दौरान भाजपा उम्मीदवार प्रो. रामशंकर कठेरिया की हार में उनके बड़बोलेपन को प्रमुख रूप से जिम्मेदार माना जा रहा है. भाजपा के जिला अध्यक्ष संजीव राजपूत ने बताया कि इटावा सीट से भाजपा की पराजय के बाद हाई कमान के निर्देश पर विधान परिषद सदस्य अवनीश पटेल और ब्रज क्षेत्र के पूर्व क्षेत्रीय अध्यक्ष विधान परिषद सदस्य रजनीकांत महेश्वरी हार की समीक्षा करने के लिए आए हुए थे. दोनों नेताओं ने संयुक्त रूप से अलग-अलग विधानसभा स्तर की समीक्षा करने के बाद बिंदुवार विश्लेषण तैयार किया है, जिसको हाई कमान को भेजा जायेगा. 


रायबरेली में हार को लेकर मंथन 
रायबरेली लोकसभा सीट पर बीजेपी की समीक्षा बैठक में स्थानीय विधायकों और पूर्व सांसदों का पहले हुआ विवाद हार की बड़ी वजह बताई जा रही है. रायबरेली, फतेहपुर सीट समेत करीब एक दर्जन सीट पर लोकल विधायक इतने नाराज थे कि प्रत्याशी के लिए प्रचार ही नहीं किया. रायबरेली में अदिति सिंह एक दिन भी दिनेश प्रताप के समर्थन में चुनाव प्रचार करते नहीं दिखी थीं. 


देखें वीडियो : Video: बीजेपी की समीक्षा बैठक में छिड़ा संग्राम, सिद्धार्थनगर लोकसभा चुनाव में कम मतदान का मामला


 


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