गोरखपुर: यूपी में बीजेपी सरकार व संगठन के बीच के घमासान की तो चर्चा हो ही रही है, इसी बीच 6 बार के विधायक फतेह बहादुर ने यूपी पुलिस पर ऐसे संगीन आरोप लगाए हैं कि प्रशासन के कान खड़े हो गए हैं. फतेह बहादुर ने आरोप जड़े हैं कि कुछ माफियाओं के साथ मिलकर यूपी पुलिस के अधिकारी उनकी हत्या करवाना चाहते हैं. उनके इस आरोप की खासा चर्चा हो रही है. दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जिले से ही फतेह बहादुर आते हैं.


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किसी तरह की कार्रवाई नहीं
फतेह बहादुर का इस संबंध में कहना है कि उनकी जान को खतरा है. कोई भी हादसा कभी भी मेरे साथ हो सकता है. एक करोड़ रुपए का चंदा भी इसके लिए जुटाया गया है. ये सारी बातें मुख्यमंत्री को मैंने बताई हैं पर 10-12 दिन बाद भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई. फतेह बहादुर ने ये भी कहा है कि इस बाबत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ ही बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी हमने पत्र लिखा है.


7 बार विधायकी जीती
आपको बता दें कि फतेह बहादुर सिंह यूपी के पूर्व सीएम वीर बहादुर के बेटे है और गोरखपुर और महराजगंज के एक जानेमाने नेता हैं. गोरखपुर के कैम्पियरगंज से उन्होंने 3 बार तो वहीं महराजगंज के पनियारा से उन्होंने 4 बार विधायकी जीती है. साल 2022 में वे कैम्पियरगंज से वे चुनावी मैदान में थे और जीते थे, सपा के काजल निषाद को तब  करीब 42 हजार वोटों से उन्होंने मात दी थी.


फिर नहीं बने मंत्री
मायावती की सरकार में फतेह बहादुर ने वन मंत्री का पद संभाला और राम प्रकाश गुप्ता व राजनाथ सरकार में भी उनको मंत्री पद दिया गया. बीजेपी में दूसरी बार साल 2012 में आए. 2017 में बीजेपी की सरकार में वे मंत्री बनने की उम्मीद रख रहे थे लेकिन तब और साल 2022 में भी उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया.


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पहले भी सुर्खियों में रह चुके हैं
साल 2019 में फतेह बहादुर तब भी सुर्खियों में आए जब गोरखपुर में एक कार्यक्रम के दौरान मंत पर सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने उन्होंने योगी सरकार से युवाओं को रोजगार और सम्मान देने का आह्वान कर डाला. जिस पर सीएम नाराज हो गए और उन पर बरसते हुए कहा कि गोरखपुर में विकास के कारण ही हमें जीत मिली है. हम युवाओं को लगातार जोड़ रहे हैं. कारखाना स्थापित कर रहे हैं. क्या इससे युवाओं को रोजगार नहीं मिलेगा? सीएम योगी ने ये भी कहा था कि मंच से ऐसी बातें कर अनावश्यक रूप से अपनी उपलब्धियों पर पानी फेरने से सबको बचना चाहिए.