Deoria News: देवरिया में कांग्रेस नेता अखिलेश प्रताप सिंह का हूटर उतरवाने पर हंगामा, सिपाही-इंस्पेक्टर भी नहीं दिखा पाए डीएल-आरसी
Deoria News in Hindi: उत्तर प्रदेश में हूटर और वीआईपी कल्चर के खिलाफ यूपी पुलिस का अभियान जारी है. इसी कड़ी में देवरिया जिले में कांग्रेस नेता अखिलेश प्रताप सिंह की गाड़ी का चालान काटा गया. देवरिया में पुलिस ने कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप की गाड़ी का हूटर उतारवाया गया और दो हजार का चालान काटा गया.
Deoria Latest News: उत्तर प्रदेश में हूटर और वीआईपी कल्चर के खिलाफ यूपी पुलिस का अभियान जारी है. इसी कड़ी में देवरिया जिले में कांग्रेस नेता अखिलेश प्रताप सिंह की गाड़ी का चालान काटा गया. देवरिया में पुलिस ने कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप की गाड़ी का हूटर उतारवाया गया और दो हजार का चालान काटा गया. हालांकि इस दौरान पूर्व विधायक अखिलेश प्रताप सिंह ने सिपाही और दरोगा का ही डीएल और आरसी मांग लिया, जिससे वो सकपका गया. दोनों डीएल और आरसी नहीं दिखा पाए. सीनियर अधिकारी के सामने वो बगले झांकते नजर आए.
रास्ते में गाड़ी को रोका गया
देवरिया जनपद में वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस ने कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह को रोका गया. अखिलेश प्रताप सिंह की गाड़ी पर हूटर लगा हुआ था. पुलिस ने हूटर को उतारा और दो हजार का चालान काटा गया. चालान के दौरान अखिलेश प्रताप सिंह पुलिस कर्मियों से बहस करते हुए नजर आए. आपको बता दें अखिलेश प्रताप सिंह इस बार देवरिया लोकसभा से कांग्रेस की प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े थे और हार गए थे. इस संबंध में जब हमने मोबाइल पर पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा से बात की तो उन्होंने बताया कि गाड़ी पर हूटर लगा लगा हुआ था. उसको उतारा गया हैं और चालान काटा गया है.
सिपाही-दरोगा की डीएल आरसी कहां
अखिलेश प्रताप सिंह ने हूटर के सवाल पर कहा कि वो तो अपनी गाड़ी का हूटर उतरवाने को तैयार हैं, लेकिन पुलिस बताए कि वो कितना ट्रैफिक नियमों का पालन करती है. उन्होंने लगातार वहां मौजूद दरोगा औऱ सिपाही और दरोगा से ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी दिखाने को कहा, लेकिन वो बगले झांकने लगे.
सीएम योगी की मुहिम
गौरतलब है कि पुलिस इन दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद हूटरों, गाड़ी पर ब्लैक फिल्मों को लेकर अभियान चला रहा है. हर जिले में ऐसे लोगों को रुकवाया जा रहा है और चालान काटे जा रहे हैं. नोएडा, गाजियाबाद से लेकर गोरखपुर तक ऐसी ही मुहिम देखने को मिल रही है. पुलिस का कहना है कि लोग स्वयं अगर ये प्रतिबंधित चीजें हटा लेते हैं तो अच्छी बात है, वरना कार्रवाई होना तय है.