जामिया मिल्लिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पर मेहरबान रही मोदी सरकार?
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जामिया मिल्लिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पर मेहरबान रही मोदी सरकार?

सरकार ने मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के बारे में यूजीसी के जरिए जारी किए गए सहायक अनुदान के आंकड़े देश के सामने रखे.

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: मोदी सरकार पर विपक्ष अक्सर ये आरोप लगाता रहा है, कि बीजेपी सरकार अल्पसंख्यक समाज पर ध्यान नहीं देती, लेकिन क्या वाकई ऐसा है. खास तौर पर जब बात ऐसी केंद्रीय यूनिवर्सिटीज की होती है जहां अल्पसंख्यक समाज के छात्र ज्यादा पढ़ाई करते है, क्या सरकार ने इन यूनिवर्सिटीज के फंड में किसी तरह की कटौती की हैं ? ये सवाल देश की संसद में भी पूछा गया. जिस पर सरकार ने मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के बारे में यूजीसी के जरिए जारी किए गए सहायक अनुदान के आंकड़े देश के सामने रखे. 2010 से लेकर 2019 तक इन तीनों यूनिवर्सिटी में जारी की गई सहायक अनुदान राशि को देखा जाए तो नज़र आता है कि 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद से ही इस राशि में खूब बढ़ोत्तरी हुई है.

सरकार ने संसद में बताया कि 2012-13 में मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी को 71 करोड़ 8 लाख रुपये का सहायक अनुदान दिया गया, जबकि जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी को 273 करोड़ 49 लाख और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को 762 करोड़ 56 लाख ग्रांट दिया गया.

2013 -14 में यूपीए सरकार में इसको बढ़ाकर मौलाना आज़ाद यूनिवर्सिटी का फंड 97 करोड़ 84 लाख , जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी को 264 करोड़ 23 लाख और एएमयू का का ग्रांट इन ऐड 729 करोड़ 4 लाख कर दिया गया.

2014-15 में मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी का सहायक अनुदान बढ़कर 83 करोड़ 52 लाख तो जामिया का 264 करोड़ 47 लाख और एएमयू का 673 करोड़ 98 लाख हो गया.

2015-16 में मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी को 95 करोड़ 78 लाख तो वही जामिया को 293 करोड़ 26 लाख और एएमयू को 825 करोड़ 3 लाख का सहायक अनुदान दिया गया.

2016-17 में मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी को 124 करोड़ 52 लाख जामिया को 305 करोड़ 87 लाख और एएमयू को 894 करोड़ 74 लाख की ग्रांट राशि मिली.

2017-18 में मौलाना आज़ाद नेशनल यूनिवर्सिटी को 139 करोड़ 17 लाख जामिया को 333 करोड़ 20 लाख और एएमयू को 1106 करोड़ 1 लाख रुपये का सहायक अनुदान दिया गया.

2018-19 में मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी को 94 करोड़ 29 लाख जामिया को 362 करोड़ 99 लाख तो वही एएमयू को 1009 करोड़ 69 लाख का अनुदान यूजीसी की तरफ से दिया गया.

हालांकि ये भी सच है कि जामिया और एएमयू की तरफ़ से और ज्यादा सहायक अनुदान की मांग होती रही है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी 2020 में अपने 100 साल मुकम्मल कर रही है इस मौके पर जामिया वीसी नज़मा अख़्तर ने पीएम मोदी को भी आने का न्यौता दे रखा है.
 

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