देहरादून : दक्षिण अफ्रीका के प्रभावशाली व्‍यवसायी रहे गुप्‍ता बंधु चारधाम में से एक बदरीनाथ धाम में सोने का छत्र चढ़ाना चाह रहे हैं. माना जा रहा है कि उनकी ओर से सोने का यह छत्र 16 मई को चढ़ाया जाएगा. बता दें कि भारत के रहने वाले गुप्‍ता बंधुओं (अजय, अतुल और राजेश) को सरकार ने भगोड़ा घोषित किया हुआ है. हालांकि उन्‍होंने बदरीनाथ मंदिर में सोने का छत्र चढ़ाने की घोषणा भगोड़ा घोषित किए जाने से पहले ही पिछले साल की थी.


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गुप्‍ता बंधु दक्षिण अफ्रीका के बड़े व्‍यवसायी रहे हैं. उनपर आरोप है कि वे पूर्व राष्‍ट्रपति जैकब जुमा के करीबी हैं. उन्‍होंने जैकब के राष्‍ट्रपति रहते हुए इस करीबी और राजनीतिक स्‍टेटस का फायदा अपने व्‍यवसाय में लाभ कमाने के लिए उठाया. आरोप यह भी है कि सरकार ने सरकारी ठेके और खनन पट्टे देकर उनके कारोबार को लाभ पहुंचाया था. बता दें कि गुप्‍ता बंधुओं को लाभ पहुंचाने के आरोप में पूर्व राष्‍ट्रपति जैकब जुमा का विरोध हुआ था. इसके चलते जैकब जुमा ने इस्‍तीफा दे दिया था. गुप्ता बंधु मई 2017 में बदरीनाथ धाम की यात्रा पर आए थे. उस वक्त उन्होंने सोने का छत्र चढ़ाने की पेशकश मंदिर समिति के सामने की थी. बोर्ड की बैठक में इस प्रस्‍ताव को पारित कर दिया गया था. इस बीच गुप्ता बंधु देश-दुनिया में चर्चा में आ गए और भगोड़ा घोषित कर दिए गए. पिछले दिनों गुप्‍ता बंधुओं ने बदरीनाथ धाम में सोने का छत्र चढ़ाने की पेशकश की तो फिर से मामला आगे बढ़ा. गुप्ता बंधुओं की तरफ से मंदिर समिति को सूचित किया गया कि उनकी तरफ से 16 मई को सोने का छत्र चढ़ाया जाएगा. सूत्रों के अनुसार छत्र बनाने के काम में दून के कारीगर जुटे हुए हैं.


उधर इस मामले में विवाद होने पर उत्‍तराखंड सरकार के मंत्री सतपाल महाराज का कहना है 'यह मामला मंदिर समिति का है. मामले में सरकार का मानना है कि गुप्ता बंधुओं को भले ही भगोड़ा घोषित कर दिया गया हो, लेकिन एक श्रद्धालु के रूप में उन्हें हक है कि वह भावना को प्रकट कर सकें. उन पर जो आरोप हैं, उन पर कानून काम कर रहा है. छत्र चढ़ाने में कोई आपत्तिजनक बात नहीं है. बता दें कि दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्‍ट्रपति जैकब जुमा के साथ मिलकर भ्रष्‍टाचार में लिप्‍त होने के आरोप लगने के बाद उत्‍तराखंड समेत देश के अलग-अलग हिस्‍सों में उनकी संपत्तियां भी सील कर दी गई थीं.


दूसरी ओर यह भी खबर है कि बदरीनाथ मंदिर के गर्भगृह की छत को सोने की परत से ढकने के काम को शनिवार (5 मई) को मंदिर समिति की ओर से रोक दिया गया. गर्भगृह के ऊपर भी सोने की परत चढ़ाने का काम गुप्‍ता बंधुओं के ही दिए दान से हो रहा था. जब मंदिर समिति को इस बात का पता चला तो उसने काम रोक दिया है. बदरी-केदार मंदिर समिति अब इस बारे में प्रवर्तन निदेशालय को पत्र लिखने की तैयारी कर रही है. समिति के अनुसार पिछले साल मई में अनजान दानकर्ता की ओर से गर्भगृह की तांबे की छत की जगह सोने की छत दान करने का प्रपोजल प्राप्‍त हुआ था. इस पर 27 नवंबर, 2017 को बोर्ड की बैठक में प्रपोजल को स्‍वीकृति दे दी गई. अब हाल ही में इसमें गुप्‍ता बंधुओं का नाम आने पर इसका काम रोक दिया गया.


कौन हैं गुप्‍ता बंधु
गुप्‍ता बंधु भारत के रहने वाले हैं. 1990 के दशक में वे भारत से आप्रवासियों के रूप में दक्षिण अफ्रीका पहुंचे थे. गुप्‍ता बंधु तीन भाई हैं-अतुल, राजेश और अजय. वहां उन्‍होंने कंप्‍यूटर, खनन और इंजीनियरिंग क्षेत्र में व्‍यवसाय शुरू किया. लेकिन बाद में ये व्‍यवसाय नहीं चले. गुप्‍ता बंधुओं ने तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति जैकब जुमा से करीब बढ़ाई. उनके प्रभुत्‍व से गुप्‍ता बंधुओं ने सरकारी ठेके पाए और भ्रष्‍टाचार किया.