UP News: रेप केस में दोषी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह 20 दिन की पैरोल पर बुधवार को हरियाणा की रोहतक जेल से बाहर आ गया. इस दौरान वह बागपत के बरनावा में डेरा आश्रम में रहेगा. पैरोल के दौरान उसके चुनाव संबंधी गतिविधियों से हिस्सा लेने, भाषण देने और राज्य में रहने पर रोक लगाई गई है. हरियाणा चुनाव के समय उसे मिली पैरोल पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. इससे पहले 7 साल में गुरमीत राम रहीम को 15 बार पैरोल या फरलो मिल चुकी है. इनमें से ज्यादातर मौकों पर चुनाव के दौरान ही उसे राहत मिली है. ऐसे में समझते हैं कि उसका राजनीति में कितना प्रभाव है.


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डेरा का हरियाणा की राजनीति में प्रभाव
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों की संख्या करीब सवा करोड़ है. डेरा की 38 शाखाओं में 21 अकेले हरियाणा में हैं. हरियाणा में डेरा के लाखों अनुयायी हैं. 6 जिलों में डेरा सच्चा सौदा का खास प्रभाव माना जाता है, जिसमें सिरसा, कैथल, कुरुक्षेत्र, फतेहाबाद और करनाल जिला शामिल है. हरियाणा की करीब 26 विधानसभा ऐसी हैं, जहां डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी हैं. चुनाव में इनकी भूमिका निर्णायक मानी जाती है.


राजनीतिक दलों का समर्थन
धार्मिक संप्रदाय होने के बाद भी डेरा की एक राजनीतिक शाखा है. जो राम रहीम के निर्देश पर काम करती है. चुनाव के समय यह राजनीतिक दलों को समर्थन दे चुका है. 2007 विधानसभा चुनाव में डेरा ने कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया. इसके बाद 2014 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव में बीजेपी का समर्थन किया. दिल्ली में हुए 2015 में विधानसभा चुनाव में डेरा ने बीजेपी का समर्थन किया था.


हरियाणा सरकार ने दी 20 दिन की पैरोल
हरियाणा सरकार ने राम रहीम को 20 दिन पैरोल की अनुमति दी है जबकि इस दौरान उसके चुनाव संबंधी गतिविधियों से हिस्सा लेने, भाषण देने और राज्य में रहने पर रोक लगाई गई है. उसने पांच अक्टूबर को होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनावों से पहले 20 दिन की पैरोल का अनुरोध किया था. पैरोल की शर्तों के अनुसार, डेरा प्रमुख किसी भी चुनाव संबंधी गतिविधि में हिस्सा नहीं लेगा और न ही सार्वजनिक भाषण देगा. इस अवधि के दौरान वह हरियाणा से बाहर रहेगा.


20 साल की जेल 
राम रहीम 2017 में अपनी दो शिष्याओं से बलात्कार के जुर्म में 20 साल जेल की सजा काट रहा है. डेरा प्रमुख और तीन अन्य को 16 साल से भी अधिक समय पहले एक पत्रकार की हत्या के मामले में भी 2019 में दोषी ठहराया गया था.


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