संदीप कुमार/हमीरपुर: हमीरपुर जिले में मरकर जिंदा होने के बाद चर्चा में रहने वाली महिला की आखिरकार 14वें दिन मौत हो गई. राठ कोतवाली क्षेत्र के सदर गांव निवासी मातादीन रैकवार की पत्नी अनिता ब्लड कैंसर से ग्रसित थी, जिसे आज से 14 दिन पहले जालंधर के निजी अस्पताल में इलाज के बाद मृत घोषित कर दिया गया था. जिसके बाद पति एम्बुलेंस से शव लेकर गांव आ रहा था, तभी बीच रास्ते में अनीता की सांसें चलने लगी थीं. गांव आकर 14 दिनों तक सही सलामत रहने के बाद अनीता ने अपने ही घर में आखिरी सांस ली. जिसके बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया.


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राठ कस्बे से करीब 10 किमी दूर बसे सदर गांव का निवासी मातादीन रैकवार पत्नी अनीता, दो बच्चों समर और सोनिया को लेकर जालंधर में एक रिश्तेदार के पास रहकर मेहनत मजदूरी का काम करता था. उसकी 33 वर्षीय पत्नी अनीता ब्लड कैंसर से पीड़ित थी. तमाम इलाज कराने के बावजूद उसकी सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ा. अनीता की हालत बिगड़ती चली गई. धनाभाव भी इलाज में बाधा बन गया. किसी अच्छे प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराना पति के लिए मुश्किल था.


इसी बीच उसने पत्नी का इलाज एक निजी अस्पताल में कराना शुरू कर दिया. जिसकी 14 दिन पूर्व पत्नी की हालत बिगड़ गई, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टर ने चेकअप के बाद अनीता को मृत घोषित कर दिया था. वह लोग शव को पैक कराकर घर ला रहे थे. तभी रास्ते में अनीता की सांसें चलने लगी थी. पहले तो सभी लोग भयभीत हो गए लेकिन घर के सदस्य को जीवित देख दूसरे ही पल सभी के चेहरों पर खुशियां छा गईं.


जिसके बाद तब से अनीता घर में ही थी उसकी देखभाल की जा रही थी. लेकिन 14 दिन बाद फिर अनिता की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई और उसकी घर पर ही मौत हो गई. 14 दिन पूर्व मौत को मात देकर लौटी अनीता की इस बार सांसें थमीं तो बच्चे और पति बिलख पड़े. दोपहर बाद अनीता के शव का गांव में ही अंतिम संस्कार कर दिया गया. वहीं, मेहनत मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करने वाला मजदूर मातादीन रैकवार पत्नी के ब्लड कैंसर जैसी बीमारी का इलाज कराने में रिश्तेदारों व साहूकारों का कई लाख रुपये का कर्जदार हो गया है.