करण खुराना/हरिद्वार: सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों के खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत एक और बड़ा कदम उठाया गया है. इस बार टिहरी बांध परियोजना पुनर्निवास मंडल, ऋषिकेश सिंचाई विभाग की जमीन पर बनी मजार नुमा धार्मिक संरचना को हटाने की कार्रवाई की गई. प्रशासन ने पूरी सुरक्षा व्यवस्था के बीच इस अभियान को अंजाम दिया, जिसे लेकर स्थानीय जनता में उत्सुकता और हलचल दोनों बनी रहीं.


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यह कार्रवाई हरिद्वार के रानीपुर कोतवाली क्षेत्र के राजपुर इलाके में की गई, जहां लंबे समय से सरकारी जमीन पर मजार का अवैध कब्जा बना हुआ था. जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) कर्मेन्द्र सिंह के निर्देशानुसार, हरिद्वार जिला प्रशासन ने इस अवैध कब्जे को हटाने के लिए सख्त कदम उठाया. एसडीएम सदर हरिद्वार अजयवीर सिंह के नेतृत्व में पुलिस और प्रशासन की टीम ने भारी सुरक्षा बल के साथ इस मजार को हटाने की प्रक्रिया को पूरा किया.


प्रशासन की सख्त कार्रवाई
यह कार्रवाई सुबह से ही शुरू हो गई थी, जिसमें सुरक्षा बलों की बड़ी तैनाती देखी गई. प्रशासन को पहले से ही इस बात की आशंका थी कि इस कार्रवाई के दौरान किसी प्रकार का विरोध हो सकता है, इसलिए पुलिस ने इलाके में सख्त सुरक्षा इंतजाम किए थे. स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक, यह अवैध निर्माण कई वर्षों से सरकारी जमीन पर था और इसे हटाने के लिए कई बार चेतावनी दी जा चुकी थी, लेकिन जब कोई समाधान नहीं निकला, तो मजबूरी में यह कड़ा कदम उठाना पड़ा.


मजार हटाने के पीछे का कारण
टिहरी बांध परियोजना के पुनर्निवास और सिंचाई विभाग की यह जमीन सरकारी योजनाओं के तहत सुरक्षित थी, लेकिन यहां अवैध रूप से धार्मिक संरचना बना दी गई थी. प्रशासन का कहना है कि यह जमीन सरकारी योजनाओं और विकास कार्यों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, और किसी भी प्रकार के अवैध कब्जे को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.


एसडीएम का बयान
एसडीएम अजयवीर सिंह ने बताया, “सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों के खिलाफ यह अभियान लगातार जारी रहेगा. हमारा मकसद किसी धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाना नहीं है, बल्कि सरकारी जमीनों को अवैध कब्जों से मुक्त कराना है, ताकि उनका सही उपयोग हो सके.”


जनता में मिली-जुली प्रतिक्रिया
हालांकि इस कार्रवाई के बाद इलाके में शांति है, लेकिन कई लोगों ने इसे प्रशासन की सही दिशा में उठाई गई कार्रवाई बताया है. वहीं, कुछ लोगों ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए इस कदम की निंदा भी की. हरिद्वार प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ऐसी सभी अवैध संरचनाओं को हटाने का अभियान जारी रहेगा, चाहे वह किसी भी धार्मिक या सामाजिक समूह से संबंधित हो.


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