कुलदीप नेगी/देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत आज कृषि अध्यादेश के विरोध में 2 घंटे के मौन व्रत पर बैठे.हरीश रावत ने किसानों के लिए पास हुए बिल को किसान विरोधी और गरीब विरोधी बताते हुए कहा कि हम इसका विरोध करते हैं.


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हरीश रावत ने कहा, ''कांग्रेस शुरुआत से ही कह रही है कि ये तीनों अध्यादेश किसानों के अधिकारों पर जबदस्त प्रहार है.'' उन्होंने कहा कि जो कुछ किसानों ने और इस देश के आवाम ने वर्षों के संघर्ष से प्राप्त किया है भाजपा उसे एक झटके में छीन कर देश के भाजपा समर्थक पूंजीपतियों और चंद व्यापारियों को देने का प्रयास कर रही है.


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भारत को गुलाम बनाने की साजिश: हरीश रावत
हरीश रावत का कहना है कि कांन्टैक्ट फार्मिग के नाम पर ईस्ट इंडिया कंपनी की तर्ज पर काम किया जा रहा. भारत को एक तरह से गुलाम बनाने की साजिश है.एमएसपी समाप्त होने से किसानों का आधार भी समाप्त हो जाएगा. मंडी किसानों की अपनी संस्थाए हैं. मंडी के जरिए बिचौलियों से किसानों के हितों की रक्षा होती थी. मगर भाजपा मंडी समाप्त करके अनाज के व्यापार को देश के पूंजीपतियों के हाथ मे सौंपना चाहती है. ऐसा करने से सस्ते गल्ला व्यापारियों पर भी मार पड़ेगी. उनका कहना है कि 23 सितंबर को वह पार्टी किसानों के साथ दिल्ली में मार्च करने जा रहे हैं 


राज्य सरकार पर किया कटाक्ष
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि ये साल केवल गंवाने के रहे हैं. राज्य सरकार कुछ मजदूर विरोधी अध्यादेश को कानूनी रूप देने जा रही है, जिन्हें इस विधानसभा सत्र में लाया जाएगा. यह राज्य की जनता को एक ऐसा तोहफा है जो मजदूरों के हितों को चोट पहुंचाने का काम करेगा.


हरीश रावत ने कहा कि हमारे कार्यकाल की नियुक्ति को अपने खाते में दर्शाकर राज्य सरकार अपने आंकड़े दुरुस्त करने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा,''आज कहां रोजगार दिखाई दे रहा है कहां है स्वरोजगार.''


क्या हैं कृषि से जुड़े तीनों अध्यादेश 
1. केंद्र सरकार ने  आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में संशोधन किया है, इसमें खाद्य पदार्थों के स्टॉक करने पर प्रतिबंध था लेकिन अब इसे समाप्त कर दिया गया है. जिससे अब व्यापारी कितनी भी मात्रा में अनाज, दालें, तिलहन, खाद्य तेल प्याज और आलू को इकट्ठा करके रख सकते हैं.


2. सरकार ने कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश पेश किया है, जिसके तहत  मंडियों के बाहर भी कृषि उत्पाद बेचने और खरीदने की व्यवस्था तैयार करना है.


3. मूल्य आश्वासन तथा कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता अध्यादेश पारित किया है, इस अध्यादेश में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की बात है. सरकार का कहना है कि अध्यादेश किसानों को शोषण के भय के बिना समानता के आधार पर  थोक विक्रेताओं, बड़े खुदरा कारोबारियों, निर्यातकों आदि के साथ जुड़ने में सक्षम बनाएगा. इससे किसानों की आय में सुधार होगा.


केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर दे चुकी हैं इस्तीफा
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने कृषि विधेयक के विरोध में इस्तीफा दे दिया है.किसानों को लेकर लाए जा रहे बिल के विरोध में हरसिमरत कौर ने मंत्रिमंडल छोड़ दिया है. अकाली दल से आने वाली हरसिमरत कौर केंद्र सरकार में  खाद्य प्रसंस्करण मंत्री थीं.


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