हाथरस: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने हाथरस कांड की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश कर दी है. इस बीच नेताओं का पीड़िता के गांव  पहुंचना जारी है. बीते रविवार को सपा और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने वहां माहौल खराब करने की कोशिश की. इस मामले में अब पुलिस एक्शन ले रही है. इसी क्रम में भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर, सपा और रालोद के 400-500 अज्ञात कार्यकताओं के खिलाफ हाथरस के चंदपा थाने में धारा 144 के उल्लंघन और महामारी रोग अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

योगी से बदला लेने के लिए UP में दंगे करवाने की साजिश फेल, VIDEO में देखिए पूरा खुलासा


हाथरस कांड को लेकर विपक्षी पार्टियां योगी आदित्यनाथ सरकार को घेरने में लगी हैं. अब तक समाजवादी पार्टी के साथ बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस, टीएमसी, भीम आर्मी, आम आदमी पार्टी तथा राष्ट्रीय लोक दल के नेताओं का प्रतिनिधिमंडल ने हाथरस के बूलगढ़ी गांव में पीड़िता के घर पहुंचकर परिजनों से मुलकात की है. रविवार को सपा, रालोद और भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर धारा 144 लागू होने के बाद भी भीड़ लेकर पीड़ित के गांव पहुंचे थे. रास्ते में पुलिस द्वारा रोके जाने पर बैरियर को क्षतिग्रस्त किया गया. पुलिसकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की की गई. पथराव के दौरान सीओ सकीट (एटा) देवानंद समेत कई पुलिसकर्मी घायल हुए.


निर्भया के दोषियों को फांसी के फंदे तक पहुंचाने वाली वकील लड़ेंगी हाथरस पीड़िता का केस  


पुलिस ने लाठीचार्ज कर स्थिति को संभाला था. पुलिस ने आरोपियों पर 147, 148, 323, 504, 332, 353, 427, 188 और आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम 1932 के तहत केस दर्ज किया है. भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर रावण रविवार को 400-500 समर्थकों के साथ पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे थे. उन्हें अलीगढ़ से हाथरस के बीच सासनी कोतवाली क्षेत्र में धारा 144 का हवाला देकर रोक लिया गया था. इसके बाद भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने हंगामा शुरू कर दिया, इससे रोड पर लंबा जाम लग गया. इसमें एक एंबुलेंस भी फंस गई. बाद में पुलिस प्रशासन ने चंद्रशेखर रावत को 5 लोगों के साथ पीड़िता के गांव जाने की इजाजत दी थी.


WATCH LIVE TV