लखनऊ: हाथरस कांड में एक बड़ी खबर सामने आ रही है. राज्य सरकार से जुड़े सूत्रों की मानें तो शासन के पास हाथरस मामले की खुफिया रिपोर्ट पहुंची है,​​ जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. इस रिपोर्ट के मुताबिक हाथरस कांड के बहाने योगी सरकार निशाने पर थी. राज्य में जातीय विद्वेष और दंगा फैलाने की साजिश रची जा रही थी. शासन से हाथरस कांड से जुड़े वायरल ऑडियो और वीडियो को भी जांच का हिस्सा बनाने की मांग इस खुफिया रिपोर्ट में की गई है. इसमें कांग्रेस नेताओं, भीम आर्मी, पीएफआई जैसे संगठनों की संलिप्तता की बात सामने आ रही है.


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वायरल ऑडियो में 25 लाख के बदले 50 लाख मुआवजे की बात
आपको बता दें कि हाथरस कांड से जुड़े एक ऑडियो में पीड़िता के परिवार को सरकार के प्रति असंतोष जताने पर 25 लाख के बदले 50 लाख रुपए मुआवजा देने की बात सामने आई है. यह वायरल ऑडियो जी मीडिया के पास भी उपलब्ध है. हालांकि इसके प्रमाणिकता की जांच सरकार को करनी होगी. योगी सरकार को भेजी गई खुफिया रिपोर्ट में पीड़ित परिवार को सरकार का विरोध जताने के लिए 50 लाख देने की बात करने वाले को भी जांच के दायरे में लाने की बात कही गई है.


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योगी सरकार को बदनाम करने के लिए 100 करोड़ की फं​डिंग
साथ ही प्रशासन से दबाव डालने का बयान दिलवाने वाले भी जांच का हिस्सा बन सकते हैं. खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पीड़िता के बारे में झूठ फैलाया गया कि उसकी जीभ काटी, आंख फोड़ी, गैंगरेप हुआ. जबकि किसी मेडिकल रिपोर्ट में इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है. इस रिपोर्ट में योगी सरकार को बदनाम करने के लिए 100 करोड़ की फंडिंग की बात भी सामने आ रही है. साथ ही मीडिया की एक तरफा रिपोर्टिंग कर राज्य सरकार के खिलाफ माहौल बनाने वालों पर भी रिपोर्ट में उंगली उठ रही है. पीड़ित परिवार के नार्को व पॉलीग्राफ टेस्ट और सीबीआई जांच से मना करने पर रिपोर्ट में सवाल उठाए गए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि आरोपी पक्ष हर तरह की जांच के लिए तैयार है.


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