पीड़िता पिता ने बताया कि घायल बच्चे को लेकर एक निजी एम्बुलेंस के सहारे एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के चक्कर काटने पड़े. जिसके बाद थक हारकर दिल्ली में इलाज मिला.
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गौतमबुद्धनगर: गर्भवती महिला का इलाज के लिए कई अस्पतालों में चक्कर काटने का मामला अभी ठंड भी नहीं हुआ था कि अब गौतमबुद्ध नगर से एक पिता का दर्द सामने आया है. एक पिता छत से गिरे अपने बच्चे के इलाज के लिए 6 अस्पताल के चक्कर काटने को मजबूर हुआ. पीड़िता पिता ने बताया कि घायल बच्चे को लेकर एक निजी एम्बुलेंस के सहारे एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के चक्कर काटने पड़े. जिसके बाद थक हारकर दिल्ली में इलाज मिला.
कासना के डाढ़ा गांव निवासी गुलशन कुमार ने बताया उनका बेटा देव बुधवार सुबह करीब साढ़े 8 बजे मकान की दो मंजिला छत से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया था. सबसे पहले इलाज के लिए बच्चे को ग्रेनो स्थित आइवरी अस्पताल लेकर गए, जहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने एक निजी एंबुलेंस से सीएचसी बिसरख रेफर कर दिया. यहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने सिटी स्कैन और एक्स-रे की सुविधा न होने की बात कह कर ग्रेनो स्थित यथार्थ रेफर कर दिया. लेकिन, वहां डॉक्टरों ने सिर्फ कोविड मरीजों का इलाज होने की बात कह कर नोएडा के सेक्टर-110 वाले यथार्थ भेज दिया.
गुलशन ने बताया कि सेक्टर 110 के यथार्थ अस्पताल जाने पर डॉक्टरों ने कहा कि इलाज में करीब 25 हजार का खर्च आएगा और पैसा जमा करने के बाद ही उपचार होगा. गुलशन ने बताया कि जब पैसा जमा करने में असमर्थता जताई गई तो बच्चे को जिला अस्पताल रेफर कर दिया. जहां, जिला अस्पताल में डॉक्टरों ने बाल रोग विशेषज्ञ व सिटी स्कैन सहित अन्य सुविधाएं न होने की बात कहकर बच्चे को सफदरजंग अस्पताल ले जाने को कहा दिया.
गुलशन ने बताया कि आखिर में बच्चे को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उसका उपचार किया जा रहा है. बच्चे की हालत फिलहाल स्थिर है. गुलशन ने बताया कि अस्पतालों के चक्कर काटने में करीब 3,600 रूपए का खर्च आया. उधर, इस मामले को जब हमने सीएमएस के सामने रखा, तो उन्होंने जांच की बात कही.