लखनऊ: राजधानी लखनऊ में हुए हिस्ट्रीशीटर दुर्गेश यादव हत्याकांड के आरोपी मनीष यादव के पास से यूपी पुलिस के दारोगा का ID कार्ड बरामद हुआ है. बताया जा रहा है कि मनीष यादव खुद को दारोगा बता कई सालों से दबंगई करता आ रहा था. उसे कई लोग यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर ही मानते थे. प्रॉपर्टी डीलर मनीष ने आज सुबह पैसों को लेकर हुए विवाद के बाद गोरखपुर के उर्वा थाने के हिस्ट्रीशीटर दुर्गेश को मौत के घाट उतार दिया था. हत्यारोपी फिरोजाबाद निवासी मनीष कुमार यादव की गिरफ्तारी प्रतापगढ़-रायबरेली के बरमौली बॉर्डर के पास से हुई. जबकि अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दो टीमों का गठन कर दिया गया है.


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खुद को दारोगा बता रौब झाड़ता था हत्यारा मनीष
शुरूआती जांच में पता चला है कि हत्यारोपी मनीष यादव खुद को यूपी पुलिस का दारोगा बताता था. उसके पास से एक ID कार्ड भी बरामद हुआ है. जिस पर उसका नाम, पद उप निरीक्षक और ID कार्ड जारी करने की तारीख 13 अगस्त 2018 अंकित है. कार्ड में उसकी वर्दी के साथ पासपोर्ट साइज फोटो लगी हुई है, जिसमें उसके कंधे पर दो स्टार लगे हैं. एक मुहर भी लगी है जिसकी स्याही थोड़ी धुंधली है.


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बता दें कि राजधानी लखनऊ के पीजीआई थाना क्षेत्र में आज हिस्ट्रीशीटर दुर्गेश यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई. वो अपने साथियों के साथ मिलकर युवाओं को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करता था. दुर्गेश यादव और उसके पॉर्टनर मनीष के बीच पैसे को लेकर विवाद चल रहा था. बताया जा रहा दुर्गेश कल रात पीजीआई के सेक्टर 14 में अपने भाई मानवेंद्र के पास आया था. वह पहले भी यहां आता रहता था, जिसकी जानकारी मनीष को लगी और बुधवार सुबह वह एक महिला व अन्य के साथ मिलने पहुंच गया. यहां पैसे को लेकर पहले मारपीट हुई, जिसके बाद दुर्गेश बचने के लिए भागा तो मनीष ने उसे गोली मार दी. घायल हालत में दुर्गेश को ट्रामा सेंटर ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया.


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