नई दिल्ली/कन्नौज : उत्तर प्रदेश सरकार के एक फोन कॉल पर घर के दरवाजे पर 108 एम्बुलेंस पहुंचने का दावा कन्नौज में बेकार साबित हुआ. बीमार पत्नी के ईलाज के लिए एक शख्स ने एंबुलेंस को कॉल किया, लेकिन कई घंटों के इंतजार के बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची. पत्नी की हालत खराब होता देश मजबूरी में युवक ने ठेले पर पत्नी को लिटाकर 9 किलोमीटर का सफर पूरा करते हुए इलाज के लिए अस्पताल पहुंचा. जानकारी के मुताबिक, हैबतपुर कटरा की सोनी की तबीयत बिगड़ गई., जिसके बाद उसके पति ने पत्नी को जिला अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस को कॉल किया. कई बार नंबर डॉयल करने के बाद एक एंबुलेंस के ड्राइवर ने उसे मरीज को मकरंद नगर तक लाने की बात कही. मामला सामने आने के बाद अधिकारी कार्रवाई की बात कह रहे हैं.


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कई घंटों तक किया इंतजार
मरीज के परिजनों ने बताया कि महिला की तबीयत बिगड़ी तो उसके पति ने एम्बुलेंस के लिए फोन किया, लेकिन कई घंटे बीत जाने के बाद भी एम्बुलेंस नहीं आई. आखिरी बार जब उसने 108 एम्बुलेंस के लिए फोन किया, तो एक एंबुलेंस ड्राइवर ने उसे मरीज को मकरंद नगर तक लाने की बात कही.



नौ किलोमीटर दूर था अस्पताल 
मरीज के परिजनों ने बताया कि उनके घर से अस्पताल करीब 9 किलोमीटर दूर है. मरीज को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाने के लिए घर में कोई साधन नहीं था. इसलिए 108 एम्बुलेंस को फोन किया, लेकिन एम्बुलेंस नहीं आई. 


ड्राइवर ने रखी शर्त !
जानकारी के मुताबिक, दर्द से परेशान महिला के पति ने कई बार 108 एम्बुलेंस को फोन किया. कई बार फोन करने के बाद आखिर में एक एम्बुलेंस ड्राइवर ने कहा कि मरीज को विनोद दीक्षित चिकित्सालय मकरंद नगर ले आओ तब ले चलेंगे. 


अधिकारियों ने की कार्रवाई की बात
मामला सामने आने के बाद अधिकारियों ने एबुलेंस के मना करने की बात को स्वीकारा. उन्होंने कहा कि ये लापरवाही का मामला है और ऐसा करना गलत है. इसकी जांचकर कार्रवाई की जाएगी.