IAS Bhanu Chandra Goswami: योगी सरकार ने नए साल से पहले 95 आईएएस अफसरों को प्रमोशन का तोहफा दिया है. इसमें 2009 बैच के आईएएस अफसर भानुचंद्र गोस्‍वामी भी शामिल हैं. भानुचंद्र गोस्‍वामी प्रयागराज, आगरा और मुजफ्फरनगर जैसे बड़े शहरों के जिलाधिकारी रह चुके हैं तो आइये जानते हैं कौन हैं भानुचंद्र गोस्‍वामी?. 


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कौन हैं भानुचंद्र गोस्‍वामी? 
जानकारी के मुतातिबक, भानुचंद्र गोस्‍वामी का जन्‍म 20 अगस्त 1984 को झारखंड के रांची में हुआ था. उनके पिता हरिश्चंद्र गोस्वामी बिहार/झारखंड सरकार में श्रम अधीक्षक के पद पर कार्यरत थे. उनके दादा राम नवल गोस्वामी हेवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन (एचईसी) रांची में पोस्टेड थे. भानुचंद्र गोस्‍वामी की शुरुआती पढ़ाई लिखाई हजारीबाग (झारखंड) के सरस्वती शिशु मंदिर और सरस्वती विद्या मंदिर में शुरू हुई. इसके बाद वह सेंट कोलंबस कॉलेज हजारीबाग से संस्कृत (ऑनर्स) में ग्रेजुएशन किया. 


तैयारी के लिए प्रयागराज आ गए 
ग्रेजुएशन के बाद ही वह सिविल सर्विसेज की तैयारी में जुट गए. वह सिविल सेवा की तैयारी करने के लिए प्रयागराज गए. एक साल तैयारी करने के बाद वह दिल्‍ली चले गए. साल 2009 में भानु चंद्र गोस्वामी ने 33वीं रैंक हासिल की. इसके बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के लिए चुने गए. आईएएस बनने के बाद, वह उत्तर प्रदेश कैडर में आ गए और उन्हें आगरा में पहली पोस्टिंग मिली. 2011 से 2012 तक वह आगरा मे ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रहे हैं. इसके अलावा वाराणसी, श्रावस्ती, लखनऊ, जौनपुर, प्रयागराज और जौनपुर जिले में भी डीएम पद पर काम कर चुके हैं.


क्‍या-क्‍या काम किए? 
बता दें कि भानु चंद्र गोस्वामी ने प्रीलिम्स परीक्षा में ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में साइकोलॉजी और मेन्स में ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में साइकोलॉजी और संस्कृत को चुना. आगरा में तैनाती के दौरान उन्‍होंने ताजमहल की सुरक्षा पर फोकस किया. साथ ही आगरा में पर्यटन को भी बढ़ावा दिया. उन्‍होंने "ताज महोत्सव" जैसे कार्यक्रम की शुरुआत की. ताजमहल के आसपास बेहतर रोशनी और सड़कों का निर्माण, और पर्यटकों के लिए एक मोबाइल ऐप लॉन्च करवाया. 


 


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