आत्मनिर्भर भारत पर जोर, `मेक इन इंडिया` के साथ `मेक इन वर्ल्ड` की बात: PM मोदी के भाषण की खास बातें
74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया और कई बड़े ऐलान भी किए. प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में आत्मनिर्भर भारत, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, वोकल फॉर लोकल आदि पर जोर देने के लिए कहा.
74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया और कई बड़े ऐलान भी किए. प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में आत्मनिर्भर भारत, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, वोकल फॉर लोकल आदि पर जोर देने के लिए कहा. जानिए पीएम मोदी ने अपने संबोधन कौन बड़ी और अहम बातें कहीं-
‘मेक इन इंडिया’ के साथ ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ का मंत्र
वन नेशन-वन टैक्स, Insolvency एंड Bankruptcy Code, बैंकों का Merger आज देश की सच्चाई है. इन रिफॉर्म्स और उससे निकले परिणामों का असर दिख रहा है. पिछले साल भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. आज दुनिया की बहुत बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत का रुख कर रही हैं. हमें ‘मेक इन इंडिया’ के साथ-साथ ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ के मंत्र को लेकर आगे बढ़ना है.
प्रगति का स्रोत है श्रमशक्ति
हमारे यहां कहा गया है कि 'सामर्थ्य्मूलं स्वातन्त्र्यं, श्रममूलं च वैभवम्', किसी समाज, किसी भी राष्ट्र की आजादी का स्रोत उसका सामर्थ्य होता है और उसके वैभव का, उन्नति प्रगति का स्रोत उसकी श्रम शक्ति होती है. हमारे देश का सामान्य नागरिक चाहे शहर में रह रहा हो या गांव में उसकी मेहनत, उसके परिश्रम का कोई मुकाबला नहीं है.
इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में नई क्रांति
भारत को आधुनिकता की तरफ तेज गति से ले जाने के लिए देश के Overall Infrastructure Development को एक नई दिशा देने की जरूरत है. ये जरूरत National Infrastructure Pipeline Project से पूरी होगी. इस पर देश 100 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. अलग-अलग सेक्टर्स के लगभग 7 हजार प्रोजेक्ट्स को चिंहित भी किया जा चुका है. ये एक तरह से इंफ्रास्ट्रक्चर में एक नई क्रांति की तरह होगा.
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गरीबों तक सुविधाएं पहुंचाने की प्रतिबद्धता
कौन सोच सकता था कि कभी देश में गरीबों के जनधन खातों में हजारों-लाखों करोड़ रुपये सीधे ट्रांसफर हो पाएंगे? कौन सोच सकता था कि किसानों की भलाई के लिए APMC एक्ट में इतने बड़े बदलाव हो जाएंगे? 7 करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त गैस सिलेंडर दिए गए, राशनकार्ड हो या न हो 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त अन्न की व्यवस्था की गई, बैंक खातों में करीब-करीब 90 हजार करोड़ रुपये सीधे ट्रांसफर किए गए. कुछ वर्ष पहले तक ये सब कल्पना भी नहीं की जा सकती थी कि इतना सारा काम बिना किसी लीकेज के हो जाएगा, गरीब के हाथ में सीधे पैसा पहुंच जाएगा. गांव में ही रोजगार देने के लिए गरीब कल्याण रोजगार अभियान भी शुरू किया गया है.
महिला शक्ति को अवसर
हमारा अनुभव कहता है कि भारत में महिला शक्ति को जब-जब भी अवसर मिले उन्होंने देश का नाम रोशन किया और देश को मजबूती दी है. आज भारत में महिलाएं अंडरग्राउंड कोयला खदानों में काम कर रही हैं तो लड़ाकू विमानों से आसमान की बुलंदियों को भी छू रही हैं. देश के जो 40 करोड़ जनधन खाते खुले हैं, उसमें से लगभग 22 करोड़ खाते महिलाओं के ही हैं. कोरोना के समय में अप्रैल-मई-जून, इन तीन महीनों में महिलाओं के खातों में करीब-करीब 30 हजार करोड़ रुपये सीधे ट्रांसफर किए गए हैं.
वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भरता जरूरी
वोकल फॉर लोकल, Re-Skill और Up-Skill का अभियान गरीबी की रेखा के नीचे रहने वालों के जीवनस्तर में आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था का संचार करेगा. विकास के मामले में देश के कई क्षेत्र भी पीछे रह गए हैं. ऐसे 110 से ज्यादा आकांक्षी जिलों को चुनकर वहां पर विशेष प्रयास किए जा रहे हैं ताकि वहां के लोगों को बेहतर शिक्षा मिले, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें और रोजगार के बेहतर अवसर मिलें.
अपनी जरूरतें खुद पूरी करने की आवश्यकता
आत्मनिर्भर भारत का मतलब सिर्फ आयात कम करना ही नहीं है बल्कि हमारी क्षमता, हमारी Creativity और हमारी skills को बढ़ाना भी है. सिर्फ कुछ महीने पहले तक N-95 मास्क, PPE किट, वेंटिलेटर ये सब हम विदेशों से मंगवाते थे. आज इन सभी में भारत न सिर्फ अपनी जरूरतें खुद पूरी कर रहा है बल्कि दूसरे देशों की मदद के लिए भी आगे आया है.
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'एग्रीकल्चर इनफ्रास्ट्रक्चर फंड’ से कृषि को फायदा
एक समय था जब हमारी कृषि व्यवस्था बहुत पिछड़ी हुई थी. तब सबसे बड़ी चिंता थी कि देशवासियों का पेट कैसे भरे. आज जब हम सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों का पेट भर सकते हैं. मेरे प्यारे देशवासियों आत्मनिर्भर भारत की एक अहम प्राथमिकता आत्मनिर्भर कृषि और आत्मनिर्भर किसान है. देश के किसानों को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर देने के लिए कुछ दिन पहले ही एक लाख करोड़ रुपये का ‘एग्रीकल्चर इनफ्रास्ट्रक्चर फंड’ बनाया गया है.
मध्यम वर्ग को सरकारी दखलअंदाजी से मुक्ति
मध्यम वर्ग से निकले प्रोफेशनल्स भारत ही नहीं पूरी दुनिया में अपनी धाक जमाते हैं. मध्यम वर्ग को अवसर चाहिए, मध्यम वर्ग को सरकारी दखलअंदाजी से मुक्ति चाहिए. ये भी पहली बार हुआ है जब अपने घर के लिए होम लोन की EMI पर भुगतान अवधि के दौरान 6 लाख रुपये तक की छूट मिल रही है. पिछले साल हजारों अधूरे घरों के निर्माण को पूरा करने के लिए 25 हजार करोड़ रुपये के फंड की स्थापना हुई है.
हर गांव तक ऑप्टिकल फाइबर
कोरोना के समय में हमने देख लिया है कि डिजिटल भारत अभियान की क्या भूमिका रही है. अभी पिछले महीने ही करीब-करीब 3 लाख करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन अकेले BHIM UPI से हुआ. साल 2014 से पहले देश की सिर्फ 5 दर्जन पंचायतें ऑप्टिल फाइबर से जुड़ी थीं. बीते पांच साल में देश में डेढ़ लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा गया है. आने वाले एक हजार दिनों में देश के हर गांव को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा जाएगा.
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