जब अमिताभ के खिलाफ लगे पोस्टर,"मेरे अंगने में तुम्हार क्या काम", फिर छोरा गंगा किनारे वाले ने कैसे जीता इलाहाबाद का दिल
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2467901

जब अमिताभ के खिलाफ लगे पोस्टर,"मेरे अंगने में तुम्हार क्या काम", फिर छोरा गंगा किनारे वाले ने कैसे जीता इलाहाबाद का दिल

Amitabh Bachchan Birthday: अमिताभ बच्चन ने जब 1984 में पहली बार राजनीति में प्रवेश किया तो उनकी एंट्री किसी फिल्म जैसी ही थी. मुकाबला उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हेमवतीनंदन बहुगुणा से था, जिन्होंने अमिताभ की जन्मभूमि पर ही पोस्टर लगवा दिये थे, "मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है." जिसका जवाब उन्होंने राजनीति के मंच से फिल्मी अंदाज में दिया था और चारों तरफ तालियां गूंज उठी थीं. अमिताभ के जन्मदिन के अवसर पर सुनाते हैं क्या है ये किस्सा.

जब अमिताभ के खिलाफ लगे पोस्टर,"मेरे अंगने में तुम्हार क्या काम", फिर छोरा गंगा किनारे वाले ने कैसे जीता इलाहाबाद का दिल

Amitabh Bachchan Birthday Special: पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सन् 1984 में अपने दोस्त राजीव गांधी के कहने पर अमिताभ ने राजनीति में एंट्री की थी. राजीव गांधी ने अमिताभ को इलाहबाद संसदीय सीट से कांग्रेस प्रत्याशी बनाया था. पूर्व प्रधानमंत्री और अपने दोस्त राजीव गांधी के कहने पर अमिताभ राजनीति में आ तो गए लेकिन वो अभी भी अपने आपको एक फिल्म स्टार ही समझते थे. 

अमिताभ बच्चन के लिए चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी उनके छोटे भाई अजिताभ के हाथ में थी. अमिताभ पूरा दिन सर्किट हाउस में बंद रहते थे. प्रचार के शुरुआती दिनों में इलाहाबाद के लोगों को तो क्या पत्रकारों तक को अमिताभ बच्चन के दर्शन नहीं होते थे. जहां अमिताभ ठहरे थे वहां पत्रकारों की भीड़ उनके भाई अजिताभ हटा दिया करते थे. 

अमिताभ खुद को अभी फिल्मी दुनिया में ही समझ रहे थे कि लोकदल के उम्मीदवार हेमवती नंदन बहुगुणा ने भी अमिताभ के लिए राजनीति की शतरंज पर अपने मोहरे सजाने शुरू कर दिये थे. 

एक बार जब मेजा रोड पर अमिताभ बच्चन की सभा होने वाली थी तो उनकी सभा से एक दिन पहले ही हेमवती नंदन बहुगुणा ने शहरभर में अमिताभ के खिलाफ पोस्टर लगवा कर पूछा था, "मेरे अंगने में तुम्हारा का क्या काम है." ये पक्तियां अमिताभ की एक फिल्म के गाने की थीं जो कहीं न कहीं एक तरह से अमिताभ पर तंज भी थीं. मतलब साफ था कि आप मुंबई से आए हो और जाओ वहीं जाकर फिल्में करो, आपका राजनीति में कोई काम नहीं है. 

इस पोस्टर की चर्चा इलाहबाद में हर किसी की जुबां पर थी. और जब मेजा रोड पर अमिताभ की चुनावी सभा हुई तो अमिताभ बच्चन भी अपने प्रतिद्वंदी को बिल्कुल फिल्मी अंदाज में ही जवाब देने पहुंच गए. अमिताभ बच्चन ने चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा, "मेरे माता-पिता ने मुझे बड़ों का आदर-सम्मान करना सिखाया है. मैं इलाहबाद की धरती पर पैदा हुआ हूं, देश-दुनिया में जहां कहीं भी जाता हूं लोग कहते हैं देखो वो अमिताभ बच्चन...मुझे छोरा गंगा किनारे वाला कहकर पुकारा जाता है."

अमिताभ का यह जवाब सुन पब्लिक लाजवाब हो गई, और वहां देर तक तालियों की गड़गड़ाहट सुनाई देती रही. अमिताभ ने बड़ी सहजता और शालीनता से हेमवती नंदन बहुगुणा को जवाब दे दिया था. उन्होंने भले ही हेमवती नंदन बहुगुणा का नाम नहीं लिया मगर उनका कहना था कि आप तो गढ़वाल से संगम नगरी आए हो, जबकि मैं तो यहीं पला बढ़ा हुआ हूं, तो ये आपका अंगना कैसे हो गया, मैं अपनी जन्मभूमि पर आया हूं. 

इस चुनावी सभा में अमिताभ के जवाब का ही नतीजा था कि अपने पहले ही चुनाव में अमिताभ बच्चन ने रिकॉर्ड जीत दर्ज की थी, और जब भी किसी रिकॉर्ड जीत की बात होती है इस चुनाव का भी जिक्र होता है.

DISCLAIMER: लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.

Trending news