Kamal Amrohi & Meena Kumari: फिल्म डायरेक्टर और स्क्रिप्ट राइटर सैयद अमीर हैदर कमल नकवी यानी कमाल अमरोही की यादगार फिल्में आज भी नई पुरानी पीढ़ी के दिलों में जिंदा हैं. कमाल अमरोही और ट्रेजडी क्वीन मीना कुमार की लवस्टोरी बॉलीवुड में आज भी मिसाल दी जाती है. कमाल अमरोही और मीना कुमारी की इसी प्रेम कहानी को फिल्मी पर्दे पर दिखेगी. निर्देशक सिद्धार्थ पी मल्होत्रा 'कमाल और मीना' नाम से फिल्म का ऐलान किया है.
जन्म
उत्तर प्रदेश (तब के संयुक्त प्रांत) के अमरोहा जिले में जमींदार परिवार में जन्मे अमरोही का फिल्मी करियर भी एक दिलचस्प कहानी से कम नहीं है. शरारती अमरोही को ऐसी ही एक गुस्ताखी पर उनके बड़े भाई ने जब थप्पड़ मार दिया तो वो भागकर लाहौर पहुंच गए, जहां प्राचीन भाषाओं में पोस्ट ग्रेजुएशन किया. 18 साल की उम्र में ही कहानी शायरी से उनकी शोहरत इतनी बढ़ी कि अखबार में उन्हें तब के समय 300 रुपये की तनख्वाह में नौकरी दी. लाहौर में उनका परिचय सिंगर कुंदन लाल सहगल से हुआ था, जो उन्हें मुंबई में फिल्म डायरेक्टर प्रोड्यूसर सोहराब मोदी से मिलवाया और उनकी गाड़ी चल निकली.
पहली मुलाकात
कमाल और मीना की पहली मुलाकात होने के समय मीना महज 18 साल की थीं. दोनों की मुलाकात दादा मुनि के नाम से मशहूर और किशोर कुमार के बड़े भाई अशोक कुमार ने करवाई थी. दोनों ने पहली बार साल 1952 में आई फिल्म तमाशा में काम किया था. कमाल अमरोही ने जैसे ही उस वक्त मीना कुमारी को देखा तो वे वहीं उनसे इश्क कर बैठे थे.
निकाह
कमाल अमरोही की पहला निकाह नरगिस दत्त की सेविका जद्दनबाई से हुई. महमूदी नाम की महिला से शादी भी नहीं चली. फिर उनका दिल आया महजबीन बानो जो बाद में मीना कुमारी के नाम से मशहूर हुईं. दोनों के बीच जब प्यार हुआ तो मीना कुमारी 19 और कमाल अमरोही 34 साल के थे. 1952 में दोनों का निकाह हो गया. लेकिन उनके बीच भी दरारें आ गईं. हालांकि अमरोही के दिल में ये मीना कुमार के लिए जज्बात ही थे कि उनकी ख्वाहिश के चलते कब्रिस्तान में उनके बगल में ही उन्हें दफनाया गया.
पोते के बारे में
कमाल और मीना के ऊपर बनने वाली फिल्म में कमाल के पोते बिलाल अमरोही भी होंगे. वह सारेगामा और रोहनदीप सिंह के साथ मिलकर फिल्म को प्रोड्यूस करेंगे. आपको बता दें कि फिल्म 2026 में रीलीज होगी. फिलहाल इसके लिए कास्टिंग चल रही है. अगले साल फिल्म की शूटिंग शुरू की जाएगी.
फिल्में
मीना कुमारी ने अपने जीवन काल में कुल मिलाकर 93 फिल्में की हैं. पहली फिल्म में मीना कुमारी ने काम साल 1939 में आई फिल्म लैदरफेस में किया था. 13 साल की उम्र में उन्होंने अपना नाम मीना कुमारी रख लिया था. 1952 में आई बैजू बावरा के लिए मीना कुमारी को फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला था. उसके तुरंत एक साल बाद फिर से मीना कुमारी ने फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार फिल्म परिणिता के लिए जीता. मीना कुमारी अभिनीत फिल्म दो बीगा जमीन भारत की पहली फिल्म थी. जिसे विश्व प्रसिद्ध कांन्स फ़िल्म समारोह-1954 में पुरस्कृत किया गया था. साल 1964 में मीना कुमारी ने अपनी पहली रंगीन फिल्म चित्रलेखा की. उनके सुनहरे और शानदार करियर में चार चांद लगाने वाली फिल्म साल 1972 में पाकीजा में उन्होंने काम किया था. मीना कुमारी की आखिरी फिल्म साल 1972 में आई गोमती के किनारे थी.
साल फिल्म
1939 लैदरफ़ेस
1939 अधुरी कहानी
1940 पूजा
1940 एक ही भूल
1941 नई रोशनी
1941 बहन
1941 कसौटी
1941 विजय
1942 गरीब
1943 प्रतिज्ञा
1944 लाल हवेली
1946 बच्चों का खेल
1946 दुनिया एक सराय
1948 पिया घर आजा
1948 बिछड़े बालम
1949 वीर घटोत्कच
1950 श्री गणेश महिमा
1950 मगरूर
1950 हमारा घर
1951 सनम
1951 मदहोश
1951 लक्ष्मी नारायण
1951 हनुमान पाताल विजय
1952 अलादीन और जादुई चिराग
1952 तमाशा
1952 बैजू बावरा
1953 परिणीता
1953 फुटपाथ
1953 दो भीगा ज़मीन
1953 दाना पानी
1953 दायरा
1953 नौलखा हार
1954 इल्ज़ाम
1954 चाँदनी चौक
1954 बादबाँ
1955 रुखसाना
1955 बंदिश
1955 आज़ाद
1955 अद्ल-ए-जहांगीर
1956 नया अंदाज़
1956 शतरंज
1956 मेम साहिब
1956 हलाकू
1956 एक ही रास्ता
1956 बंधन
1957 शारदा
1957 मिस मैरी
1958 यहूदी
1958 सवेरा
1958 सहारा
1958 फरिश्ता
1959 सट्टा बाज़ार
1959 शरारत
1959 मधु
1959 जागीर
1959 चिराग कहाँ रोशनी कहाँ
1959 चाँद
1959 चार दिल चार राहें
1959 अर्द्धांगिनी
1960 दिल अपना और प्रीत पराई
1960 बहाना
1960 कोहिनूर
1961 ज़िंदगी और ख्वाब
1961 भाभी की चूड़ियाँ
1961 प्यार का सागर
1962 साहिब बीबी और ग़ुलाम
1962 मैं चुप रहूंगी
1962 आरती
1963 किनारे किनारे
1963 दिल एक मन्दिर
1963 अकेली मत जाइयो
1964 सांझ और सवेरा
1964 गज़ल
1964 चित्रलेखा
1964 बेनज़ीर
1964 मैं भी लड़की हूँ
1965 भीगी रात
1965 पूर्णिमा
1965 काजल
1966 पिंजरे के पंछी
1966 फूल और पत्थर
1967 मझली दीदी
1967 नूरजहाँ
1967 चन्दन का पालना
1967 बहू बेगम
1968 बहारों की मंज़िल
1968 अभिलाषा
1970 जवाब
1970 सात फेरे
1971 मेरे अपने
1972 दुश्मन
1972 पाकीज़ा
1972 गोमती के किनारे
कमाल अमरोही की फिल्में
लगभग 5 दशक तक फिल्मों में काम करने वाले और वहां पर अपनी कला के माध्यम से राज करने वाले कमाल अमरोही मशहूर पाकिस्तानी शायर जौन एलिया के चचेरे भाई थे. कमाल ने कुल मिलाकर 21 फिल्मों में अपना योगदान दिया. इन फिल्मों में कमाल ने अलग अलग रूप से अपने बहुमूल्य योगदान दिया. वह अपने करियर में निदेशक, निर्माता, कहानी, पटकथा, वार्ता और गीत लिखने का काम करते थे.
साल फिल्म
1938 जेलर
1938 छलिया
1939 पुकार
1939 प्रेम की ज्योत
1940 मैं हरि
1940 भरोसा
1940 पागल
1943 मज़ाक़
1945 फूल
1946 शाहजहाँ
1947 रोमियो और जूलियट
1949 महल
1952 साक़ी
1953 दाएरा
1960 दिल अपना और प्रीत पराई
1960 मुग़ल-ए-आज़म
1961 जिंदगी और ख्वाब
1972 पाकीज़ा
1977 शंकर हुसैन
1979 मजनूं
1983 रजिया सुल्तान