उत्तर प्रदेश का हर शहर किसी न किसी वजह से खास पहचान रखता है. उत्तर प्रदेश में अभी 75 जिले हैं. जिलों और आबादी के लिहाज से प्रदेश भारत में पहले नंबर पर है. लेकिन क्या आपको मालूम हैं, प्रदेश के वो 10 ऐसे कौन से जिले हैं, जहां सबसे ज्यादा अमीर रहते हैं.
2021 के आंकड़ों के मुताबिक झांसी जिले में गरीबों की आबादी 15 फीसदी है, 2015-16 में यह आंकड़ा 20 फीसदी था. ये आंकड़े नीति आयोग की रिपोर्ट पर आधारित हैं. इस रिपोर्ट को जिलों की तीन मानकों पर परख के आधार पर तैयार किया गया है. जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवन स्तर शामिल है.
मऊ का नाम भी अमीर जिलों की सूची में शुमार है. 2015-16 में यहां गरीबी का आंकड़ा 33 फीसदी था. जो 2021 में घटकर 13 फीसदी पर आ गया है.
बागपत भी यूपी के टॉप-10 अमीर जिलों में शामिल है. 2015-16 में यहां की 14 फीसदी आबादी गरीब थी. 2021 के आंकड़े के मुताबिक जिले की 21 फीसदी आबादी गरीब है.
मेरठ जिला अमीर जिलों की कैटेगरी में सातवें नंबर पर है. 2016 में यहां की 21 फीसदी आबादी गरीब थी. हालांकि इसमें सुधार हुआ है.अब यहां 13 प्रतिशत लोग गरीब रह गए हैं.
रिपोर्ट के अनुसार अमीर जिलों की लिस्ट में मुजफ्फरनगर छठे पायदान पर है. 2016 में यहां की 30 फीसदी आबादी गरीब थी. 2021 के आंकड़े के मुताबिक जिले की 13 फीसदी आबादी गरीब रह गई है.
गौतमबुद्धनगर जिला गरीबी की कैटेगरी में चौथे नंबर पर है. 2015-16 में यहां की केवल 15 फीसदी आबादी गरीब थी. बीते सालों में इसमें सुधार आया है. 2021 के आंकड़े के मुताबिक जिले की केवल 12 फीसदी आबादी गरीब रह गई है.
कानपुर जिला इस कैटेगरी में तीसरे नंबर पर है. 2015-16 में यहां की 86 फीसदी आबादी अमीर थी. इसमें सुधार हुआ है. 2021 के आंकड़े के मुताबिक जिले की 9 फीसदी आबादी ही गरीब रह गई है.
अमीर जिलों में दूसरा नंबर लखनऊ का है. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 2016 में 12 फीसदी लोग गरीब थे जबकि 2021 के आंकड़े के मुताबिक यहां 9 फीसदी लोग ही गरीब रह गए हैं.
नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश का सबसे अमीर जिला गाजियाबाद है. यहां की 7 फीसदी आबादी ही गरीब है. 2016 में यहां 17 फीसदी लोग गरीब थे.