सोने-चांदी के गहनों के लेनदेन की आड़ में हवाला कारोबार नहीं चलेगा, सर्राफा कारोबारियों को रखने होंगे नोडल अधिकारी
Money Laundring and Terror Funding: टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. अब सराफा कारोबारियों को नोडल अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी. पढ़ें पूरी खबर...
लखनऊ: टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं. इसी क्रम में अब सराफा कारोबारियों को नोडल अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी. ये अधिकारी सराफा कारोबारियों के हर लेनदेन की जानकारी रखेंगे. इस दौरान अगर उन्हें किसी प्रकार के संदिग्ध लेनदेन की जानकारी मिलती है, तो वह इसके बारे में केंद्र सरकार की एजेंसी वित्तीय सूचना इकाई (FIU) को सूचित करेंगे. इससे मद्देनजर एजेंसी ने बीती 3 जुलाई को संदिग्ध लेनदेन, संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान और उनपर अंकुश लगाने को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
जांच एजेंसियों के अनुसार, सोना-चांदी और रत्न-जवाहरात की तस्करी की आड़ में काले धन को सफेद किया जा रहा है यानी मनी लॉन्ड्रिंग की जा रही है. वहीं, दूसरी तरफ टेरर फंडिंग में भी इसके इस्तेमाल के अहम सुराग मिले हैं. टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर अंकुश लगाने के लिए नए सिरे से दिशा निर्देश जारी किए हैं.
पारदर्शिता लाने के लिए तैयार किया मॉडल
सराफा कारोबार में पारदर्शिता लाने के लिए एक मॉडल तैयार किया गया है, जिसे तीन चरणों शिक्षा, जागरुकता और बचाव में बांटा गया है. कारोबारियों में शिक्षा और जागरुकता के लिए अभियान चलाया जाएगा. वहीं बचाव के लिए ऑडिट एवं नियंत्रक महानिदेशालय की गाइडलाइंस के मुताबिक, डीलर्स को एंटी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के बारे में बताया जाएगा. डीलर्स और वित्तीय खुफिया इकाइयों के बीच इंटेलीजेंस का लिंक डेवलप किया जाएगा ताकि लेनदेन को साझा किया जा सके.
नोडल अफसर को इस एप पर कराना होगा रजिस्ट्रेशन
नए निर्देशों के अनुसार, जिन सराफा कारोबारियों का साल भर का टर्नओवर 500 करोड़ रुपये या इससे ज्यादा है, उन्हें अनिवार्य रूप से एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी. जिनका सालाना टर्नओवर 500 करोड़ रुपये से कम है, वहां एसोसिएशन या काउंसिल नोडल अधिकारी नियुक्ति करेगा. उस नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी कारोबारी, इंडस्ट्री काउंसिल, एसोसिएशन और एफआईयू के बीच एक लिंक की होगी. छोटे सराफा कारोबारी उस नोडल अधिकारी को सूचना देंगे, जिसकी जांच के बाद उसे एफआईयू को भेजा जाएगा. नोडल अफसर को राजस्व विभाग की वेबसाइट फिनगेट-2.0 और फिनगेट एप में रजिस्ट्रेशन कराना होगा. इसी के जरिए संदिग्ध लेनदेन या ग्राहकों की जानकारी एफआईयू को देनी होगी.
कर्मचारी की नियुक्ति से पहले करनी होगी जांच
इसके अलावा सराफा कारोबारियों को एक और जिम्मेदारी दी गई है, जिसमें किसी भी कर्मचारी की नियुक्ति से पहले उसकी अच्छी तरह से जांच-पड़ताल करनी होगी. ग्राहक की पहचान और संदिग्ध लेनदेन की सूचना फौरन देनी होगी. सोना-चांदी, हीरा व रत्न के कारोबारी अपने क्षेत्र के हिसाब से हर कर्मचारी को ट्रेनिंग देंगे. इससे पहले एफआईयू में डीलर्स को रजिस्ट्रेन कराना होगा.
ऐसे ग्राहकों से सर्तक रहें सराफा कारोबारी
एफआईयू ने सराफा कारोबारियों के लिए छह रेड फ्लैग सूचकांक जारी किए हैं. ग्राहक को परखना कारोबारी की जिम्मेदारी होगी, अगर उन्हें ये संकेतांक दिखें तो अलर्ट हो जाएं.
कस्टमर का संदिग्ध व्यवहार
कस्टमर के फॉरेन करंसी या कार्ड से शॉपिंग का प्रस्ताव
कस्टमर एक ही खरीद का पेमेंट अलग-अलग बैंक अकाउंट या सोर्स से करे.
नकली नोट देकर खरीदारी की कोशिश करे.
दस लाख रुपये या इससे अधिक की खरीद में कैश पेमेंट करे.
इसके अलावा संदिग्ध ग्राहक दिखने पर उसका मिलान संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी आतंकी सूची या एफआईयू की सूची से करें.
ऑल इंडिया ज्वेलर्स & गोल्डस्मिथ फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने नहीं किया समर्थन
ऑल इंडिया ज्वेलर्स & गोल्डस्मिथ फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोरा ने कहा कि सरकार द्वारा ज्वेलर्स बुलियन कीमती, धातु व कीमती रत्न पर PMLA FIU जैसी सख्ती करने की बात सामने आ रही है. सरकार को यह ध्यान देना होगा कि कुछ गिने चुने गलत कार्य करने वालों को TRACK करने की वजह से निचले स्तर तक ज्वेलर्स के ऊपर सख्ती न की जाए. यह उचित नहीं है. सरकार को पांच-10 करोड़ के सालाना टर्नओवर वाले ज्वेलर्स या बुलियन को इस कानून से बाहर रखना चाहिए. ऐसी कोई भी नियमित जानकारी, जिसको ऑनलाइन प्रति माह दाखिल करना पड़े, यह बोझ व्यापारी पर नहीं डालना चाहिए.
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