Jhansi Medical College Fire: झांसी मेडिकल कॉलेज में अग्निकांड के 36 घंटे बाद एक के बाद एक चौंकाने वाले खुलासा हो रहे हैं. अग्निकांड में मृत सभी मासूम बच्‍चों की पहचान हो गई है. पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट भी सामने आ गई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष में भीषण अग्निकांड में शिशुओं की मौत 70 से 80 फीसदी तक झुलस जाने की वजह से हुई. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मासूम बच्‍चों ने कितनी पीड़ा सही होगी.  


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अग्निकांड के 36 घंटे बाद पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट
दरअसल, अग्निकांड के बाद शनिवार को सभी दस मृत नवजातों का पोस्टमार्टम कराया गया. दो-दो डॉक्टरों की तीन टीम ने पोस्टमार्टम किया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि एनआईसीयू में भीषण आग की चपेट में आने से मासूम बच्‍चे 70 से 80 फीसदी तक झुलस गए थे. उनकी बॉडी इतनी जल गई थी कि काली पड़ गई थी. पोस्‍टमार्टम के बाद 7 मासूम बच्‍चों की बॉडी उनके परिजनों को सौंप दी गई. वहीं, तीन शवों की शिनाख्त नहीं हो पा रही थी. हालांकि बाद में पहचान होने पर पोस्टमार्टम कराया दिया गया. 


शाम पांच बजे भी हुआ था शॉर्ट सर्किट
इसके अलावा अस्‍पताल प्रशासन की लापरवाही भी उजागर हुई है. बताया गया कि झांसी मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार शाम पांच बजे भी शॉर्ट सर्किट हुआ था, इसकी जानकारी अस्‍पताल स्‍टाफ को दी गई. हालांकि नजरअंदाज कर दिया गया. अगर उसी समय सतर्कता दिखाई जाती तो इतना बड़ा हादसा न होता. प्रत्‍यक्षदर्शियों ने बताया कि देर रात साढ़े 10 बजे के आसपास एक बार फ‍िर एनआईसीएयू वार्ड में शॉर्ट सर्किट से आग धधक पड़ी और पूरे वार्ड को चपेट में ले लिया. 


अस्‍पताल में चल रहा था निर्माण कार्य
बताया गया कि झांसी मेडिकल कॉलेज की एसएनसीयू (स्पेशल न्यूबोर्न केयर यूनिट) के पास निर्माण कार्य चल रहा है. इसके चलते पूरा रास्ता जाम पड़ा था. आग लगने की सूचना मिलने पर दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं मगर अंदर नहीं जा सकी. इसकी वजह आवागमन का रास्ता पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होना और निर्माण सामग्री का पड़ा होना था. दमकल की गाड़ियों को बाहर गेट पर ही रोक लिया गया. राहत और बचाव कार्य भी करीब एक घंटे बाद ही शुरू हो सका. 


अग्निकांड में सभी शव की पहचान
बता दें कि झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड में मृत 10 मासूम बच्‍चों में झांसी के चार, ललितपुर के तीन, हमीरपुर के दो और जालौन का एक बच्‍चा है. अस्‍पताल के वार्ड से छह बच्चे अभी भी लापता हैं. घायल 16 बच्‍चों का उपचार चल रहा है. इनमें चार गंभीर हैं.  मेडिकल कॉलेज से एक बच्चे को छुट्टी दे दी गई. इनके अलावा झांसी के ही अन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. घटना के समय वार्ड में 50 मासूम बच्‍चे भर्ती थे. 


मानवाधिकार की टीम झांसी पहुंची
वहीं, रविवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम झांसी पहुंची. मानवाधिकार की टीम झांसी के सरकारी अस्पताल में आग लगने से 10 नवजातों की मौत की घटना का संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से जवाब-तलब किया है. आयोग ने मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी कर एस सप्ताह में घटना की रिपोर्ट देने का आदेश दिया है.


 



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