NIA Raid in Jhansi: कौन है झांसी का खालिद नदवी?, NIA के छापेमारी में भीड़ ने छुड़ाया
NIA Raid in Jhansi: झांसी की सुपर कॉलोनी में एनआईए ने मुफ्ती खालिद नदवी के घर पर छापा मारा. नदवी पर आरोप है कि वह ऑनलाइन कक्षाओं के जरिए विदेश में रह रहे लोगों को दीनी तालीम देते थे. एनआईए को शक है कि इस माध्यम से संदिग्ध विदेशी फंडिंग हो रही थी.
NIA Raid Jhansi: झांसी के कोतवाली थाना क्षेत्र के सुपर कॉलोनी में मुफ्ती खालिद नदवी के घर पर एनआईए टीम ने छापा मारा. मुफ्ती खालिद नदवी ऑनलाइन क्लास के जरिए विदेश में रह रहे लोगों को दीनी तालीम देते थे. एनआईए को शक है कि इस ऑनलाइन शिक्षा के जरिए कुछ विदेशी फंडिंग आ रही थी, जिस पर जांच की जा रही है.
नदवी को हिरासत में लिया तो पुलिस की घेराबंदी की
छापेमारी के दौरान एनआईए की टीम ने 10 घंटे तक दस्तावेज खंगाले और जानकारी जुटाई. जांच के दौरान, जब नदवी को हिरासत में लिया गया, तो मोहल्ले के लोगों ने पुलिस के हाथ से उन्हें छुड़ाने की कोशिश की और घेराबंदी कर दी. पुलिस ने फिर सुरक्षा के साथ खालिद नदवी को थाने लेकर रवाना किया. इस घटना से इलाके में सनसनी फैल गई है और कई जांच एजेंसियां इस मामले में शामिल हैं.
महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त
शिक्षक पर आरोप है कि वह ऑनलाइन कक्षाओं के जरिए विदेशी छात्रों को पढ़ाता है. इस गतिविधि को फंडिंग का एक संभावित जरिया माना जा रहा है. छापेमारी के दौरान जांच एजेंसियों ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए हैं.
ऑनलाइन क्लास के माध्यम से संदिग्ध विदेशी फंडिंग
गुरुवार सुबह झांसी के कोतवाली थाना क्षेत्र में एनआईए ने मुफ्ती खालिद नदवी के घर छापा मारा. आरोप है कि मुफ्ती ऑनलाइन क्लास के जरिए विदेश में छात्रों को पढ़ाते हैं और इस माध्यम से संदिग्ध विदेशी फंडिंग हो रही थी. छापेमारी के दौरान टीम ने मुफ्ती को हिरासत में लेने की कोशिश की, लेकिन मस्जिद से अनाउंसमेंट के बाद 200 से अधिक लोगों की भीड़ जमा हो गई.
पासपोर्ट, वीजा और वॉट्सऐप चैट की जांच की
मुफ्ती के समर्थकों ने एनआईए की टीम का विरोध किया और झड़प के बीच उन्हें हिरासत से छुड़ाकर पास की फातिमा मस्जिद ले गए. मस्जिद के बाहर महिलाओं और पुरुषों की भारी भीड़ जमा हो गई. लगभग तीन घंटे के हंगामे और समझाने के बाद पुलिस टीम मुफ्ती को एसएसपी दफ्तर लेकर गई. मुफ्ती ने बताया कि एनआईए टीम ने रात 3 बजे घर पर दस्तक दी. टीम ने किताबें, पासपोर्ट, वीजा और वॉट्सऐप चैट की जांच की. उन्होंने बताया कि वह 11 वर्षों से ऑनलाइन क्लास ले रहे हैं, जहां फीस 50 से 1500 रुपए तक है. एनआईए ने विदेशी फंडिंग और बैंक ट्रांजेक्शन से संबंधित सवाल किए.
स्थानीय लोगों में जांच पारदर्शिता की मांग
एनआईए का मानना है कि इस नेटवर्क के जरिए संदिग्ध विदेशी फंड भारत में लाया जा सकता है, जो आतंकवादी गतिविधियों को आर्थिक मदद पहुंचाने में इस्तेमाल हो सकता है. इस घटना के बाद स्थानीय लोग जांच में पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं. शिक्षक से पूछताछ जारी है.
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