नितिन गडकरी क्यों हुए खुद से नाराज? बोले- विदेशी बैठकों में चेहरा छिपाता हूं

Road Accidents increased: नितिन गडकरी ने कहा कि हालात में सुधार के लिए भारत में मानव व्यवहार में बदलाव लाना होगा, समाज में बदलाव लाना होगा और कानून के शासन का सम्मान करना होगा.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Dec 12, 2024, 05:00 PM IST
  • हर साल सड़क दुर्घटनाओं में 1.78 लाख लोगों की मौत
  • यूपी में सबसे अधिक मौतें
नितिन गडकरी क्यों हुए खुद से नाराज? बोले- विदेशी बैठकों में चेहरा छिपाता हूं

Nitin Gadkari: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि भारत में सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि हुई है और स्थिति में सुधार के लिए मानव व्यवहार में बदलाव लाना होगा. उन्होंने यह भी बताया कि जब उन्होंने पहली बार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री का कार्यभार संभाला था, तब उन्होंने दुर्घटनाओं में 50% कमी लाने का लक्ष्य रखा था.

पीटीआई के अनुसार गडकरी ने कहा, 'दुर्घटनाओं की संख्या में कमी की बात तो भूल ही जाइए, मुझे यह स्वीकार करने में कोई झिझक नहीं है कि इसमें वृद्धि हुई है.' उन्होंने कहा, 'जब मैं सड़क दुर्घटनाओं पर चर्चा करने वाले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लेने जाता हूं, तो मैं अपना चेहरा छिपाने की कोशिश करता हूं.'

प्रश्नकाल के दौरान एक सप्लीमेंट्री प्रश्न का उत्तर देते हुए मंत्री ने कहा कि हालात में सुधार के लिए भारत में मानवीय व्यवहार में बदलाव लाना होगा, समाज में बदलाव लाना होगा और कानून के शासन का सम्मान करना होगा.

हर साल सड़क हादसों में कितनी मौतें होती हैं?
गडकरी ने कहा कि देश में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में 1.78 लाख लोगों की मौत होती है और इनमें से 60 प्रतिशत पीड़ित 18-34 वर्ष की आयु वर्ग के होते हैं.

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 23,000 से अधिक लोग (या सड़क दुर्घटनाओं के कारण कुल मौतों का 13.7%) मारे गए हैं, इसके बाद तमिलनाडु में 18,000 (10.6%) से अधिक मौतें हुई हैं. महाराष्ट्र में यह आंकड़ा 15,000 से अधिक (या कुल मौतों का 9%) है, इसके बाद मध्य प्रदेश में 13,000 (8%) से अधिक मौतें हुई हैं.

बात दिल्ली की करें तो यहां सालाना 1,400 से ज़्यादा मौतें हुई हैं. इसके बाद 915 मौतों के साथ बेंगलुरु का अगला नंबर है. गडकरी ने यह भी कहा कि सड़क पर ट्रक पार्क करना दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण है और कई ट्रक लेन अनुशासन का पालन नहीं करते हैं.

मंत्री ने कहा कि उन्होंने भारत में बस बॉडी बनाने में अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करने का आदेश दिया है. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, बस की खिड़की के पास एक हथौड़ा होना चाहिए ताकि दुर्घटना की स्थिति में इसे आसानी से तोड़ा जा सके.

केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि कुछ साल पहले उनका और उनके परिवार का एक बड़ा एक्सीडेंट हुआ था और वे लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहे थे. उन्होंने लोकसभा में कहा, 'भगवान की कृपा से मैं और मेरा परिवार बच गए. इसलिए दुर्घटनाओं का मेरा निजी अनुभव है.'

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