यूपी के इस जिले में है कुतिया देवी का अनोखा मंदिर, मत्था टेकने लगती है लोगों की लाइन

उत्तर प्रदेश के कई मंदिर के बारे में आपने सुना होगा. मंदिरों से जुड़ी कई मान्यताएं के बारे में भी जानते होंगे. लेकिन कुतिया के मंदिर के बारे में आज तक शायद ही आपने सुना होगा. लेकिन यूपी के एक जिले में ऐसा मंदिर मौजूद है.

1/10

कुतिया मंदिर

देवी-देवताओं, संत-महात्माओं के आपने कई मंदिर देखे होंगे, लेकिन क्या किसी कुतिया का मंदिर देखा या सुना है. इस मंदिर में लोगों की भीड़ जमा होती है.

 

2/10

कहां स्थित है?

झांसी के मऊरानीपुर तहसील के रेवन और ककवारा गांव के बीच में ये मंदिर बना हुआ है. रेवन गांव के पास सड़क के किनारे एक कुतिया की मूर्ति स्थापित की गई है. आसपास के लोग पूरे विधि-विधान से पूजा भी करते हैं. 

 

3/10

क्या है मान्यता?

स्थानीय लोग बताते हैं कि एक कुतिया इन दोनों गांवों में आती-जाती रहती थी. वह भोजन के लिए इन दोनों गांव पर निर्भर थी. गांव के किसी भी कार्यक्रम में खाना खाने पहुंच जाती थी.

 

4/10

खिलाते हैं खाना

लोग उसे बेहद प्यार करते थे और खाना खिलाते थे. एक बार कुतिया दोनों गांव के बीच में थी. तभी रेवन गांव से रमतूला बजने की आवाज आई. बुंदेलखंड में किसी कार्यक्रम में खाना खाने की सूचना के लिए बजाया जाने वाला यह परंपरागत यंत्र हुआ करता था.

 

5/10

खाना खाने पहुंच गई गांव

आवाज सुनते ही कुतिया खाना खाने के लिए रेवन गांव में पहुंच गई, लेकिन देर हो जाने की वजह से सब खाना खाकर उठ गए. इसके बाद ककवारा गांव से रमतूला बजा और कुतिया खाने के लिए वहां दौड़ गई लेकिन वहां भी खाना खत्म हो चुका था. 

 

6/10

होती है पूजा

गांव के ही रहने वाले रुस्तम बताते हैं कि लोग यहां नारियल चढ़ाते हैं और श्रद्धा से इसकी पूजा करते हैं. ककवारा गांव के हरदयाल दीक्षित बताते हैं कि इस कुतिया की मौत के बाद उसे यहीं दफना दिया गया था.

 

7/10

बनवाया गया चबूतरा

बाद में एक नाई को सपना आया कि इसका चबूतरा बनाया जाए तो लोगों ने इसका चबूतरा बनाया. नव विवाहित दम्पत्ति यहां आशीर्वाद लेने आते हैं. 

 

8/10

कई कहानियां प्रचलित

संस्कृति कर्मी हरगोविंद कुशवाहा बताते हैं कि लगभग चार-पांच सौ साल पहले की बात है कि कुतिया की रेवन और ककवारा के बीच भोजन न मिलने के कारण उसकी मौत हो गयी. 

 

9/10

बन गई कहावत

तभी से एक कहावत भी बन गयी रेवन ककवारे की कुतिया. अब लोगों ने मंदिर बना दिया और उसकी पूजा करने लगे हैं.

 

10/10

डिस्क्लेमर

लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है. हम इसका दावा या पुष्टि नहीं करते हैं.

 

ZEENEWS TRENDING STORIES

By continuing to use the site, you agree to the use of cookies. You can find out more by Tapping this link