Jhansi Fire: झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 मासूम बच्‍चों की जान चली गई. आग अस्‍पताल के नवजात शिशु चिकित्‍सा कक्ष यानी एनआईसीयू (NICU) में लगी. अग्निकांड के समय इस वार्ड में 50 से 55 बच्‍चे भर्ती बताए जा रहे हैं. वहीं, झांसी मेडिकल कॉलेज प्रशासन का कहना है कि आग ऑक्‍सीजन कंसंट्रेटर में लगने के बाद फैल गई. एनआईसीयू वार्ड में ऑक्‍सीजन कंसंट्रेटर की जरूरत पड़ती है. तो आइये जानते हैं NICU और ऑक्सीजन कांस्ट्रेटर क्‍या होता है. 


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अस्‍पताल में NICU वार्ड क्‍या होता है
जानकारी के मुताबिक, जब कोई महिला नवजात को जन्‍म देती है. ऐसे में जन्‍म के बाद अगर नवजात किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित होते हैं तो उन्‍हें एनआईसीयू वार्ड में भर्ती कराया जाता है. NICU का पूरा नाम नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (Neonatal Intensive Care Unit) यानी 'नवजात गहन चिकित्सा इकाई' होता है. यहां 24 घंटे नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए विशेषज्ञ की टीम मौजूद रहती है. इनमें से ज्यादातर बच्चे पैदाइश के 24 घंटों के भीतर एनआईसीयू वॉर्ड में जाते हैं. वो यहां कितने वक्त तक रहते हैं, ये उनके सेहत में सुधार पर निर्भर करता है. 


ऑक्सीजन कंसंट्रेटर क्‍या होता है?
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर एक मेडिकल डिवाइस होता है, जो हवा में से ऑक्सीजन को अलग करता है. दरअसल, हमारे वातावरण में मौजूद हवा में कई तरह के गैस मौजूद होते हैं और ये कंसंट्रेटर उसी हवा को अपने अंदर लेता है और उसमें से दूसरी गैसों को अलग करके शुद्ध ऑक्सीजन सप्लाई करता है. ऑक्सीजन लेवल 90-94 प्रतिशत होने पर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की मदद से सांस ली जा सकती है. 


एनआईसीयू में इस्तेमाल होने वाले अन्‍य उपकरण
एनआईसीयू वार्ड में वेंटिलेटर भी होता है. यह भी एक तरह का मेडिकल उपकरण होता है. यह बच्चों के फेफड़ों में ऑक्सीजन या हवा भेजने का काम करती है. 


 


 


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