कन्नौज: काले चावल और गेहूं की खेती से प्रगतिशील किसान कमा रहा 10 गुना लाभ, नहीं पड़ती कीटनाशक की जरूरत
कन्नौज के ग्राम बहादुरपुर मुरैया निवासी प्रगतिशील किसान हरनाथ सिंह बताते हैं कि उनको काले गेहूं और चावल खेती करने का आईडिया चंदौली जिले से मिला. जिसके पश्चात उन्होंने भी अपने क्षेत्र में खेती करना शुरू किया.
प्रभम श्रीवास्तव/कन्नौज: उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले के किसान हरनाथ सिंह की मेहनत रंग ला रही है. कड़ी मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ती से हरनाथ अपने खेत में काले गेहूं के बाद अब 'काला सोना' (ब्लैक राइस) की खेती कर रहे हैं. करीब 10 एकड़ में जैविक माध्यम से खेती कर रहे किसान को साधारण गेहूं चावल की खेती से 10 गुना लाभ मिल रहा है.
10 गुना ज्यादा हो रहा मुनाफा
कन्नौज के ग्राम बहादुरपुर मुरैया निवासी प्रगतिशील किसान हरनाथ सिंह बताते हैं कि उनको काले गेहूं और चावल खेती करने का आईडिया चंदौली जिले से मिला. जिसके पश्चात उन्होंने भी अपने क्षेत्र में खेती करना शुरू किया. इसके बाद सालाना होने वाली आय से वह काफी खुश हैं. साधारण फसल के मुताबिक इसमें 10 गुना लाभ मिल रहा है. उप कृषि निदेशक आर्यन सिंह के द्वारा भी किसान की तारीफ की गई है और अन्य किसानों से भी पारंपरिक खेती से हटकर कुछ अलग करने के लिए कहा गया है.
3 से 4 सौ रुपये प्रति किलो बिकता है ब्लैक राइस
ब्लैक राइस की कीमत बाजार में तकरीबन 300 से 400 सौ रुपये प्रति किलो है. यही नहीं, इसकी खेती में लागत भी कम है. खास बात यह है कि ब्लैक राइस में किसी भी तरह की कीटनाशक दवा का प्रयोग नहीं किया जाता है. इसमें सिर्फ जैविक खाद, कम्पोस्ट आदि का ही प्रयोग किया जाता है. ब्लैक राइस एंटी ऑक्सीडेंट के गुणों से भरपूर होता है. साथ ही और कैंसर के अलावा दिल की बीमारियों से बचाता है.
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सेहत के लिए फायदेमंद होता है ब्लैक राइस
बता दें कि काले चावल का सेवन स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होता है. 10 ग्राम ब्लैक राइस में लगभग 9 ग्राम प्रोटीन होती है, जो ब्राउन राइस के मुकाबले कहीं अधिक है. यही नहीं इसमें आयरन भी मौजूद होता है जो शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए बेहद जरूरी है.
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