प्रभात अवस्थी/कानपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ तक, महिला सशक्तिकरण के लिए  लगातार बढ़ावा दिया जाता है. इस सपने को पूरा किया है कानपुर के रोडवेज ड्राइवर प्रशिक्षण केंद्र ने. यहां से इतिहास में पहली बार महिला ड्राइवर का बैच तैयार हो गया है. अब बस की स्टीयरिंग बेटियों के हाथों में पहुंच गई है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

17 महिला ड्राइवर का बैच तैयार होकर निकला
शायद आपने भी आज तक रोडवेज की बसों में पुरुष ड्राइवर ही देखे होंगे, लेकिन अब यह परंपरा टूट रही है. कानपुर में मौजूद रोडवेज ड्राइवर प्रशिक्षण केंद्र का पहला महिला ड्राइवर का बैच तैयार हो गया है. यूपी के इतिहास में पहली बार यहां से 17 महिला ड्राइवर का बैच तैयार होकर निकला है. सबसे खास बात यह है कि पूरे देश में इस तरह का यह पहला केंद्र है, जहां से महिला ड्राइवर बस को चला रही हैं. 


'कार, हवाई जहाज चला सकते हैं तो बस क्यों नहीं'
बस चलाने वाली बेटियां भी अपने इस नए करियर को लेकर काफी उत्साहित हैं. ड्राइवर के तौर पर बस जैसा भारी वाहन चलाने में वो गर्व महसूस कर रही हैं. उनका मानना है कि जब आज के दौर में बेटियां कार, हेलीकॉप्टर, हवाई जहाज़ चला सकती हैं तो फिर बस क्यों नहीं. 


जल्द शुरू होगा दूसरा बैच
आपको बता दें कि महिला चालक प्रशिक्षण की शुरुआत अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च 2021 को हुई थी. जिसके बाद पुरुषों के आधिपत्य वाले इस क्षेत्र में बेटियों का पदार्पण भी हो चुका है. जल्द ही दूसरा बैच भी शुरू किया जाएगा. अभी महिला ड्राइवर सहायक के तौर पर चल रही हैं और फरवरी से वो मुख्य ड्राइवर के तौर पर यात्रियों को लेकर जाएंगी.


ड्राइवर प्रशिक्षण केंद्र के  प्रिंसिपल एम पी सिंह ने बताया कि सरकार की मंशा के तहत कौशल विकास मिशन और परिवहन निगम ने मिलकर प्रोजेक्ट बनाया है, जो देश में इस तरह का पहला प्रोजेक्ट है, इसमें पहले बैच में 17 महिला प्रशिक्षण के आखिरी स्टेज में हैं. जल्द ही दूसरा बैच शुरू किया जाएगा.