Kanpur Dehat: गांव के स्कूलों में जाकर बच्चों को कंप्यूटर सिखाती है ये डिजिटल बस, हर सीट पर लगा है लैपटॉप
Kanpur Dehat: कानपुर देहात के ग्रामीण इलाकों के परिषदीय विद्यालयों में डिजिटल बसें बच्चों को कंप्यूटर चलाना सीखा रही हैं. बस की हर सीट पर लैपटॉप लगा है. जो स्कूल-स्कूल जा कर बच्चों को डिजिटलीकरण से जोड़ने का काम कर रही हैं.
आलोक त्रिपाठी/कानपुर देहात: उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में एक अनोखी पहल शुरू की गई है. इसके तहत बसें ग्रामीण इलाकों के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को कंप्यूटर चलाना सीखा रही हैं. बस की हर सीट पर लैपटॉप लगा है. जो स्कूल-स्कूल जा कर बच्चों को डिजिटलीकरण से जोड़ने का काम कर रही हैं. बस में 9 कंप्यूटर लगाए गए हैं और दो कंप्यूटर टीचर भी रखे हैं, जो बच्चों को कंप्यूटर चलाना सिखा रहें हैं.
कंप्यूटर वाली बस पहुंच रही ग्रामीण बच्चों के दरवाजे
देश-दुनिया में हर जगह कंप्यूटर की सबसे ज्यादा अहमियत है. कंप्यूटर की जानकारी अब शिक्षा का सबसे महत्वपूर्ण अंग बन चुकी है. ऐसे में ग्रामीण इलाकों के बच्चों को इसकी शिक्षा पाने से अछूता नहीं छोड़ा जा सकता है. हर बच्चे को कम्प्यूटर के ज्ञान का सपना पूरा करने में सरकार के सहयोग से एकल फाउंडेशन केंद्र लगा हुआ है. इसने एक अनोखी पहल शुरू की है.
इस पहल में बच्चे कंप्यूटर तक नहीं बल्कि कंप्यूटर बच्चों तक खुद पहुंचते हैं. दरअसल एकल फाउंडेशन ने सरकार और जिला प्रशासन के सहयोग से ज़िले में दो बस चलाई हैं, जिसके हर सीट पर लैपटॉप लगाया गया है. इसके जरिए गांव के हर बच्चे को निश्शुल्क कम्प्यूटर सिखाया जा रहा है. बस गांव-गांव तक पहुंचती है. बस गांव में बने स्कूल में रुकती हैं और वहां आए बच्चों को कंप्यूटर की शिक्षा देती है.
बच्चों को मिलता है प्रमाणपत्र
कंप्यूटर शिक्षक का कहना है कि बच्चों को एक-दो दिन नहीं बल्कि तीन महीने का प्रशिक्षण दिया जाता है. इसके बाद कोर्स पूरा होने पर बच्चों को कंप्यूटर एप्लीकेशन का बेसिक प्रमाणपत्र दिया जाता है. इसके बाद अगले गांवों का चयन किया जाता है. एकल फाउंडेशन केंद्र ने इस तरह अब तक कई गांव के बच्चों को कंप्यूटर का प्रशिक्षण दिया है. उनका कहना है कि गांव के स्कूलों में कंप्यूटर प्रशिक्षण का विकल्प नहीं है. ऐसे में बेसिक शिक्षा के बच्चो को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, इस संस्था के कार्यों को शासन स्तर पर भी तारीफ हो चुकी है.