कानपुर: 2 जुलाई को बिकरू में हुआ हत्याकांड विकास दुबे के ही एक रिश्तेदार की FIR के बाद हुआ था. राहुल तिवारी नाम के शख्स ने विकास दुबे के खिलाफ मुकदमा लिखाया था. उसी की शिकायत पर पुलिस पार्टी दबिश देने के लिए बिकरू गांव पहुंची थी, और 8 पुलिसकर्मियों के हत्याकांड की वारदात हुई. हैरानी बात ये है कि 2 जुलाई से ही राहुल तिवारी लापता था और अब विकास दुबे के मारे जाने के बाद उसकी वापसी हुई है. 


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हत्याकांड से पहले राहुल तिवारी को विकास ने पीटा था 
बिकरू गांव में 2-3 जुलाई की दरम्यानी रात को हुए हत्याकांड से पहले राहुल तिवारी और विकास दुबे के बीच हाथापाई और पिटाई की भी बात सामने आई है. बताया जा रहा है कि चौबेपुर थाने में हत्याकांड से पहले SO विनय तिवारी के साथ राहुल तिवारी विकास दुबे के घर गया था. सुलह कराने के इरादे से पहुंचे विनय तिवारी के सामने ही विकास ने राहुल तिवारी की पिटाई की थी. अब पुलिस राहुल से इस बारे में पूछताछ कर रही है. 
चौबेपुर थाने में घटना से दो दिन पहले भी शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र के साथ राहुल तिवारी और तत्कालीन SO विनय तिवारी बिकरु गांव गए थे. राहुल तिवारी से उस दिन की भी जानकारी ली जा रही है.


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राहुल तिवारी की शिकायत पर ही बिकरू पहुंची थी पुलिस टीम
राहुल तिवारी ने ही एक जमीनी विवाद का मुकदमा चौबेपुर थाने में लिखवाया था. इस मुकदमे को लेकर भी चौबेपुर के तत्कालीन SO विनय तिवारी और शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र के बीच कुछ मतभेद हुए थे. आखिरकार मुकदमा लिखा गया. इसी मुकदमे के आधार पर ही पुलिस टीम बिकरु में विकास दुबे के घर दबिश देने गयी थी. हालांकि विकास दुबे के हाथों पिटने के बाद से राहुल तिवारी घटना वाले दिन से ही लापता था. 


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