कानपुर: कानपुर में अनवरगंज-मंधना एलिवेटेड रेलवे ट्रैक को मंजूरी दे दी गई है. रेलवे बोर्ड द्वारा इस मंजूरी कोदिए जाने के बाद और इसके तैयार हो जाने के बाद दोनों स्टेशनों के बीच पड़ने वाली 17 क्रॉसिंगों से जाम खत्म हो पाएगा. इससे हर रोज गुजरने वाले 40 लाख लोगों को सहुलिएत हो पाएगी. रेलवे बोर्ड ने उत्तर पूर्वी रेलवे के जनरल मैनेजर के पास इस बारे में भेजा है. ट्रैक के निर्माण कार्य में कुल खर्च का बजट 994 करोड़ रुपये रखा गया है. एलिवेटेड ट्रैक की लंबाई 15 किमी लंबा है. पहले से जरीब चौकी क्रॉसिंग के एलिवेटेड रैंप शुरू होकर मंधना पहुंचेगा.


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अनवरगंज-मंधना रूट ट्रेनें
अनवरगंज-मंधना रूट पर 40 से ज्यादा सुपरफास्ट, एक्सप्रेस, पैसेंजर ट्रेनों के साथ ही छह से ज्यादा मालगाड़ियां चलाई जा रही है. ट्रेनों के आने से दो मिनट पहले ही क्रॉसिंग बंद होती है साथ ही जाने के दो मिनट बाद क्रॉसिंग खुलती है जिससे 18 रेलवे क्रॉसिंगों पर पूरे दिन जाम लगता ही रहता है. अधिक परेशानी जरीब चौकी, गुमटी नंबर पांच, कोकाकोला क्रॉसिंग, गुटैया, गीतानगर से लेकर नौ नंबर, शारदानगर, दलहन क्रॉसिंग और बगिया क्रॉसिंग, कल्याणपुर, गूबा गार्डन समेत आईआईटी, मंधना क्रॉसिंग पर  होती है.   


पूरा प्लान तैयार किया गया है
अनवरगंज-मंधना रेलवे लाइन जीटी रोड के साथ साथ है. जीटी रोड पर भी यातायात का काफी असर होता है. इसको दूर करने के लिए काफी वक्त से कोशिशे की जा रही थीं. जाम में कई बार एंबुलेंस तक फंसी रह जाती थी. इन दिक्कतों को देखते हुए तत्कालीन मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर, डीएम विशाख जी अय्यर के साथ ही पुलिस कमिश्नर व बाकी के अधिकारियों और उत्तर पूर्वी रेलवे के इंजीनियरों ने एक पूरा प्लान तैयार किया ताकि एलिवेटेड रेलवे ट्रैक का निर्माण किया जा सके. 


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ट्रेनों को रिशेड्यूल भी किया जा सकता है
रेलवे अधिकारियों की मानें तो एलिवेटेड रेलवे ट्रैक तीन साल के भीतर बनकर तैयार हो जाएगा. सिविल, इलेक्टि्रकल, मैकेनिकल के साथ ही कई और विभाग मिलकर काम कर पाएंगे. अनवरगंज-मंधना रूट की कई और ट्रेनों को रिशेड्यूल करने की भी योजना तैयार की गई है. कासगंज, फर्रुखाबाद, कन्नौज की तरफ से आती ट्रेनें मंधना तक ही आ पाएंगी. वहीं मथुरा होकर जाने वाली ट्रेनों को अन्य रूप पर संचालन के लिए शिफ्ट किया जा सकता है.